राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ, प्रदेश प्रवक्ता सुनील मोदी का कहना है कि एक अनशनकारी कर्मचारी संजय नागर की तबियत खराब होने के कारण उनको जयपुरिया अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। उन्होने बताया कि कर्मचारी पिछले 35 दिनों से धरना स्थल पर बैठे हैं। उन्होने बताया कि गर्मी के कारण कर्मचारियों की लगातार हालत खराब होती जा रही है। जिसके चलते महापड़ाव स्थल पर उपस्थित कर्मचारियों ने राज्य सरकार को घेरने की योजना बनाई है।
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प्रदेशाध्यक्ष राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ राजसिंह चौधरी ने सरकार को एक बार फिर चेतावनी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मंत्रालयिक कर्मचारियों के जन आंदोलन जिसमें ग्यारह पदाधिकारी आमरण अनशन पर है। उनकी प्रमुख मांगो पर तत्काल निर्णय लिया जाकर आदेश जारी कराना ताकि कर्मचारी आंदोलन का रास्ता छोड़ कर काम पर लोटे, लेकिन सरकार अभी तक सम्मानजनक हल नहीं निकाल रही है।
जिससे लगातार टकराव की स्थिति बनी हुई है। प्रदेश महामंत्री वीरेंद्र दाधीच ने कहा कि जहाँ एक तरफ मुख्यमंत्री कर्मचारियों के लिए देते देते नहीं थकूंगा जैसी बातें करते हैं वहीं दूसरी ओर 40 दिनो से सड़क पर पडे मंत्रालयिक कर्मचारियों की कोई सुनवाई नहीं कर रहा है जो सवेंदनशील सरकार के लिए प्रश्न चिन्ह लग रहा है।
राजस्व विभाग के प्रदेशाध्यक्ष अमित जैमन, पंचायती राज के बी.डी. कृपलानी, विधिवादकरण के प्रदेशाध्यक्ष राजू, आर्थिक एंव सांख्यिकी विभाग के बाबू लाल शर्मा ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि भीषण गर्मी में महापड़ाव स्थल पर कई मंत्रालयिक कर्मचारियों की हालत खराब चल रही है जिन्हे नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है।
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ये है प्रमुख मांग
1. पदोन्नति के प्रथम पद वरिष्ठ सहायक की ग्रेड-पे समकक्ष अन्य कैडर यथा ग्राम विकास अधिकारी, कृषि पर्यवेक्षक के अनुरूप 2800 के स्थान पर 3600 की जाए. तदनुसार सहायक प्रशासनिक अधिकारी की ग्रेड पे 4200 अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी (राजपत्रित अधिकारी) की ग्रेड-पे 7600 की जाए।
2. अधीनस्थ मंत्रालयिक संवर्ग में संस्थापन के पश्चात 7वां नवीन पद ग्रेड-पे 8700 का मुख्य संस्थापन अधिकारी के पदनाम से सृजित किया जाए, ऐसी पदोन्नति की व्यवस्था समान कैडर में उपलब्ध है।
3. वर्ष 2013 में किए गए प्रारम्भिक वेतन 9840 को पुर्नस्थापित कर सातवें वेतन आयोग में तदनुसार मूल वेतन 25500 निर्धारण संबंधी आदेश जारी किया जाए।
4. समकक्ष अन्य कैडर यथा ग्राम विकास अधिकारी कृषि पर्यवेक्षक, पटवारी के अनुरूप अधीनस्थ विभागों पंचायती राज संस्थाओं/ निगमों में कनिष्ठ सहायक की योग्यता स्नातक की जाए।
15. राज्य एवं अधीनस्थ सेवाओं में मंत्रालयिक संवर्ग के लिए 25 प्रतिशत पदोन्नति का कोटा तथा भर्ती में 12.50 प्रतिशत कोटा निर्धारित की जाए।
16. अंतर जिला स्थानान्तरण की कार्रवाई प्रारम्भ की जाए।