कोटा थर्मल- 110-110 मेगावाट की दो यूनिट (12 मई तक शुरू होने की संभावना)
छबड़ा प्लांट- 660 मेगावाट की एक यूनिट (12 मई बाद शुरू होने की संभावना)
सूरतगढ़ थर्मल- 250 मेगावाट की एक यूनिट (25 दिन बाद हो सकता है संचालन)
-राज्य विद्युत उत्पादन निगम से 5200 मेगावाट
-सोलर व विंड एनर्जी एग्रीमेंट से करीब 5000 मेगावाट
-शॉर्टटर्म टेंडर के जरिए 500 से 700 मेगावाट
-एक्सचेंज से 500 मेगावाट
-बाकी बिजली खरीद पावर परचेज एग्रीमेंट से जुड़ी उत्पादन कंपनियों से
दिन में तो क्षमता के अनुपात में सौर ऊर्जा मिल रही है, लेकिन रात में पवन ऊर्जा में उतार-चढ़ाव आ रहा है। इससे रात के समय दिक्कत बढ़ रही है। विंड एनर्जी पूरी मिलती है तो काफी राहत मिलने की उम्मीद रहेगी।
प्रदेश में इस बार मार्च से जून तक 394865 लाख यूनिट बिजली की अनुमानित डिमांड का आकलन किया गया है। यह पिछले वर्ष इन्हीं माह के अनुपात में करीब 7 प्रतिशत अधिक होगी। डिमांड के अनुपात में अभी 11320 लाख यूनिट की कमी है, जिसका ऊर्जा विकास निगम इंतजाम करने में जुटा है ताकि बिजली कटौती की नौबत नहीं आए। पिछले दो वर्ष में बिजली संकट और फिर कटौती के हालात से सबक लेते हुए ऊर्जा विभाग और ऊर्जा विकास निगम दोनों ने होमवर्क किया है।
-हीरालाल नागर नगर, ऊर्जा मंत्री