पूछताछ के लिए वैभव एजेंसी के दिल्ली स्थित मुख्यालय सुबह 11.30 बजे पहुंचे, जो रात करीब 8.30 बजे तक चली। समन का संबंध ‘ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉट्र्स प्राइवेट लिमिटेड’ से जुड़ा है। इसके अलावा ‘वर्धा एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड’, इसके निदेशकों और प्रमोटर शिव शंकर शर्मा, रतन कांत शर्मा, अन्य के खिलाफ ईडी की ओर से हाल ही मारे गए छापों से भी है। छापे में एजेंसी को 1.2 क रोड़ रुपए मिले थे। ऐसा आरोप है कि ट्राइटन समूह को 2007-2008 में मॉरीशस की एक कंपनी ने निवेश किया था।
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अशोक गहलोत (CM shok Gehlot) और कांग्रेस ने ईडी के समन को राजनीति से प्रेरित बताया। गहलोत ने समन पर सवाल उठाए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके बेटे की एक टैक्सी कंपनी है। उसमें रतन कांत शर्मा पार्टनर थे, लेकिन वे अब अलग-अलग काम करते हैं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार के कथित दुरुपयोग के कारण केंद्रीय एजेंसियों ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है।
वैभव ने कहा, फेमा में लेन-देन नहीं
ईडी की पूछताछ खत्म होने के बाद वैभव ने कहा, फेमा के तहत समन आया था। मैंने उनसे कहा कि फेमा से हमारा कोई वास्ता नहीं है। मेरा या मेरे परिवार में से किसी का फेमा के तहत कोई लेन-देन नहीं हुआ।