दरअसल, माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने 6 सितंबर को आदेश निकाला था कि प्रदेश में चार कक्षाएं 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं की अर्धवार्षिक परीक्षा और दो कक्षाएं 9वीं व 11वीं की वार्षिक परीक्षा एक साथ समान टाइम टेबल से समान पेपर से पूरे प्रदेश में कराई जाएगी। अब तक यह परीक्षाएं जिला स्तर पर जिला समान प्रश्न पत्र योजना के तहत कराई जा रही है, लेकिन इस बार इनको राज्य स्तर पर कराने का आदेश जारी हुआ, लेकिन अभी तक विभाग ने कोई तैयारी नहीं की।
उठ रहे सवाल
शिक्षक संगठनों ने राज्य स्तर पर परीक्षा आयोजन पर सवाल खड़े किए हैं। आरोप है कि सेंट्रलाइज प्रिंटिंग कराने की यह योजना किसको फायदा पहुंचाने के लिए की जा रही है। संगठनों का तर्क है कि एक बार पहले भी विभाग ने राज्य स्तर पर परीक्षा कराने की योजना बनाई थी। तब कई जिलों में पेपर ही नहीं पहुंचे थे। तब इस पर काफी विवाद हो गया था। तर्क है कि एक ही जगह पेपर छपाई से लागत कुछ कम हो सकती है, लेकिन अगर पेपर आउट हुआ तो प्रदेशभर में फिर से परीक्षा करानी पड़ेगी।