चतुर्दशी युक्त अमावस्या पर 24 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा। इसके दूसरे दिन 25 अक्टूबर को खण्डग्रास सूर्यग्रहण रहेगा, इसलिए गोवर्धन पूजा नहीं होगी। गोवर्धन पूजा के दिन भगवान को गर्म तासीर के व्यंजन बाजरा, चावल, मूंग और मोठ सहित कच्चे भोजन का भोग लगाया जाता है, जो दिवाली के दूसरे दिन नहीं लगेगा। इस बार गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को होगी। ऐसे में सूर्य ग्रहण के चलते इस बार पांच दिवसीय दीपोत्सव 6 दिवसीय होगा।
तड़के 4.15 बजे से सूतक
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि 25 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा के दिन खंडग्रास सूर्यग्रहण रहेगा। भारत में सूर्य ग्रहण की शुरुआत शाम 4.15 से 5.30 के मध्य होगी। हालांकि इससे पहले ही तड़के 4.15 बजे से सूतक लग जाएगा। जयपुर में शाम 4.32 बजे सूर्यग्रहण प्रारंभ होगा जो शाम 5.50 बजे सूर्यास्त होगा। यानी 52 प्रतिशत सूर्यग्रहण होने के कारण शाम 5.33 बजे आधा बिंब 50 प्रतिशत ही चमकीला दिखेगा।
खण्डग्रास सूर्य ग्रहण का समय
समस्त भूमंडल पर: दोपहर 2.28 बजे से प्रारंभ
ग्रहण मध्य : 4.30 बजे
ग्रहण समाप्त: शाम 6.32 बजे
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150 से अधिक साल पुरानी परंपरा टूटेगी
ज्योतिषाचार्य विनोद शास्त्री ने बताया कि इस बार दीपावली पर 150 से अधिक साल पुरानी परंपरा टूटेगी। पिछले 150 सालों में दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा नहीं होगी। इससे पहले दिवाली के दूसरे दिन साल 1995 में सूर्य ग्रहण हुआ था, लेकिन वह दिन में ही सूर्य ग्रहण हो गया, ऐसे में शाम को गार्वधन पूजा हो गई थी, इस बाद सूर्यास्त के समय भी ग्रहण रहने से गार्वधन पूजा नहीं होगी। इस बार सूर्य ग्रहण का प्रभाव होने से गोवर्धन पूजा और अन्नकूट 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा।