डीएसटी से मिली जानकारी के अनुसार जेडीए के अधिकारी, राजस्थान स्टेट रोड डवलपमेंट एंड कंस्ट्रक्शन(आरएसआरडीसी) के अधिकारी और डीएसटी अधिकारियों की एक समिति बनाई गई है, जिसकी कुछ दिन पहले ही मीटिंग हुई है। मीटिंग में जेडीए की ओर से जवाहर सर्किल के पीछे दूसरी जगह को लेकर सैद्धांतिक सहमति दी जा चुकी है अब लिखित में आने का इंतजार है।
नेशनल काउंसिल फॉर साइंस म्यूजियम की ओर से मॉडल्स के स्पेफिकेशन के साथ तकनीकी तरीके से वेटिंग(प्रमाणिकरण) करवा रहे हैं। इसके बाद आरएसआरडीसी मॉडल्स की थिकनेस, ड्यूरेबिलिटी के लिए टेंडर प्रोसेस शुरू करेगा।
डीएसटी से मिली जानकारी के अनुसार जयपुर के नॉर्थ इलाके (शास्त्री नगर) में बना साइंस पार्क दूसरे एरिया के लोगों के लिए काफी दूर पड़ता है। इसलिए सेक्शन पार्क तैयार करने का निर्णय लिया। बच्चे जब इस सेक्शन पार्क में विजिट करने आएंगे और उन्हें पता चलेगा की इसका बड़ा रूप शास्त्री नगर में है, तो वे साइंस पार्क को भी देखने जाएंगे। इससे वहां का फुटफॉल बढ़ेगा।
पार्क में नोबेल पुरस्कार प्राप्त सी.वी. रमन, होमी जहांगीर भाभा, मेघनाद साहा जैसे कई वैज्ञानिकों के स्टैच्यू लगाए जाएंगे। साथ ही उनके योगदान को भी दर्शाया जाएगा। वेजिटेरियन ब्रेकियोसोरस
जानकारी के अनुसार शास्त्री नगर स्थित साइंस पार्क में 40 फुट लंबा टाइरानोसोरस का मॉडल लगाया गया है, जबकि जवाहर सर्किल पर 15 फुट लंबा ब्रेकियोसोरस का मॉडल लगाया जाएगा। लंबी गर्दन वाला यह डायनासोर वेजिटेरियन था। इसके अलावा डायनासोर की प्रजाति टी-रेक्स, ट्रायकिराटोप्स के मॉडल **** 20 तरह के मॉडल्स लगाए जाएंगे।
रॉकेट को उड़ान भरते सबने देखा होगा। लेकिन वह कैसे उड़ान भरता है, सैटेलाइट पर पहुंचने के बाद कैसे कार्य करता है? इसकी जानकारी नहीं होगी। इसके लिए एक्शन पार्क में सैटेलाइट लॉन्चर का मॉडल लगाया जाएगा। साथ ही 15 फुट लंबा डायनासोर का मॉडल भी होगा, जिसमें साउंड सिस्टम लगाया जाएगा, ताकि उसमें से आवाज भी निकल सके। विज्ञान के सिद्धांतों से रूबरू करवाने के लिए कई मॉडल्स लगाए जाएंगे। इसमें लीवर का सिद्धांत, न्यूटन की गति के नियम, गुरुत्वाकर्षण, एंग्यूलर मूमेंट्स को अब प्रैक्टिकल रूप में समझा जा सकेगा।
80 लाख रुपए में बनेगा पार्क
40 लाख रुपए वित्त विभाग ने दिए
20 तरह के लगेंगे मॉडल्स
15 फुट लंबा लगेगा ब्रेकियोसोरस का मॉडल अस्सी लाख रुपए की लागत से सेक्शन पार्क डवलप किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य यही है कि लोग खेल-खेल में साइंस के जटिल सिद्धांतों को समझ सके। आरएसआरडीसी को बजट पहले से दे रखा है। जेडीए की ओर से जगह आइडेंटिफाई हो चुकी है। जल्द ही सेक्शन पार्क के लिए काम शुरू हो जाएगा।
– नारायण लाल मीना, आयुक्त, डीएसटी