परिवार में सरकारी कर्मचारी नहीं होने के बावजूद भी जमवारामगढ़ उपखंड अधिकारी ने एक परिवार को 1230 किलोग्राम के गेहूं का 33 हजार रुपये की वसूली का नोटिस थमा दिया।
जयपुर•Nov 17, 2022 / 08:24 pm•
Manish Chaturvedi
एसडीएम ने मजदूर को भेजा खाद्य सुरक्षा योजना में 33 हजार का नोटिस..जनसुनवाई के दौरान आया मामला..
जयपुर। परिवार में सरकारी कर्मचारी नहीं होने के बावजूद भी जमवारामगढ़ उपखंड अधिकारी ने एक परिवार को 1230 किलोग्राम के गेहूं का 33 हजार रुपये की वसूली का नोटिस थमा दिया। साथ ही परिवार के मुखिया से मामले को रफा-दफा करने की एवज में पैसे भी मांगे गए। जिला परिषद में गुरुवार को हुई जिला स्तरीय जनसुनवाई में यह मामला सामने आया। कलेक्टर ने हाथों-हाथ संबंधित अधिकारियों को पीड़ित को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ने और चिरंजीवी योजना का लाभ देने के निर्देश दिए। जनसुनवाई में कुल 138 प्रकरण आए। जिनमें से 11 का हाथों-हाथ निपटा दिया गया।
जयपुर जिला परिषद के सभागार में गुरुवार को जिला स्तरीय जन सुनवाई हुई। इस जनसुनवाई में अलग-अलग फरियादी अपनी समस्याओं को लेकर जिला कलेक्टर के पास पहुंचे। जनसुनवाई में कुल 138 शिकायतें दर्ज की गई जिनमें से 11 का हाथों-हाथ समाधान कर परिवादियो को लाभ दिया गया।
जमवारामगढ़ निवासी रमेश कुमार गुर्जर भी अपनी फरियाद लेकर जनसुनवाई में पहुंचे। रमेश गुर्जर ने बताया कि उसके परिवार में न तो वो खुद और न ही कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी है। इसके बावजूद भी उपखंड अधिकारी ने उनके घर 1230 किलो गेहूं की वसूली का 33 हजार रुपये का नोटिस भेज दिया। रमेश गुर्जर ने बताया कि नोटिस के बाद उसके परिवार को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा का लाभ मिलना भी बंद हो गया। पिछले कई महीनों से वह इस संबंध में विभागों के चक्कर काट रहा है लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई। दो बार जिला स्तरीय जनसुनवाई में भी वे गुहार लगा चुके हैं। रमेश गुर्जर ने आरोप लगाया कि मामले को रफा-दफा करने के लिए उनसे पैसे की भी मांग की गई।
रमेश गुर्जर ने कहा कि उसके परिवार में 6 सदस्य हैं और रसद विभाग ने सातवां सदस्य जोड़कर यह नोटिस उन्हें थमा दिया। उसने बताया कि वकील के द्वारा भी उसने नोटिस भेजे लेकिन विभाग ने उसका भी आज तक कोई जवाब नही दिया। रमेश गुर्जर ने बताया कि कोरोना काल में उनकी पत्नी की तबीयत भी खराब हो गई जिस पर एक लाख रुपये का भी खर्चा आया। उस रकम का ब्याज वह आज तक दे रहा है। बिना एनएफएसए में नाम नहीं होने पर उसे चिरंजीवी योजना का भी लाभ नहीं मिल पा रहा। रमेश गुर्जर ने बताया कि सचिव पटवारी और राशन डीलर में मिलकर उसका नाम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से हटा दिया। उसने आरोप लगाया कि मामले को रफा दफा करने और एनएफएसए में वापस नाम जोड़ने के एवज में उनसे 15000 भी मांगे जा रहे हैं।
इस मामले को लेकर प्रकाश राजपुरोहित ने कहा कि पीड़ित को स्वास्थ्य योजना का लाभ देने के लिए उसका नाम चिरंजीवी योजना में जोड़ने के निर्देश दे दिए गए हैं। साथ ही उसने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में जोड़ने के लिए ऑनलाइन अप्लाई किया है तो उससे ऑनलाइन गाइड किया गया है। जिला कलेक्टर ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है कि किस स्तर पर गलती हुई है और दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ जरूर कार्रवाई की जाएगी।
जनसुनवाई में मनोहरपुर से आई उर्मिला ने कलक्टर से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास देने की मांग की। उर्मिला ने कहा कि वह किराये के मकान में बच्चों के साथ रहती है। उसके पास कमाने का कोई मूल साधन नहीं है। मजदूरी करके बच्चों का पालन पोषण करती है। उर्मिला ने कहा कि वह पहले भी कई बार जनसुनवाई में आ चुकी है। लेकिन उसे अनदेखा किया जा रहा।
जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि जनसुनवाई में नगर निगम, पंचायती राज, पीडब्ल्यूडी, बिजली विभाग, पीएचईडी, पुलिस व अन्य विभागों से जुड़ी हुई शिकायतें परिवादी लेकर आए और संबंधित अधिकारियों को उन शिकायतों का समाधान करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
स्थानीय स्तर पर समस्याओं के समाधान नहीं होने के सवाल पर जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने कहा कि स्थानीय स्तर पर समस्याओं का समाधान लगातार किया जा रहा है। कुछ समस्याएं टिपिकल होती है जो जिला स्तर की जनसुनवाई में आती है। जिला स्तर पर 138 समस्याओं का आना यह बताता है कि स्थानीय स्तर पर भी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है।
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