प्रारंभिक पूछताछ में उसने बताया कि वह महाराष्ट्र के अलीबाग मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर रहा है। कॉलेज में वह तृतीय वर्ष का छात्र है। टेलीग्राम पर वह डिजिटल अरेस्ट गैंग से जुड़ा था। खाते में ठगी की राशि ट्रांसफर करने के ऐवज में उसे तीन प्रतिशत कमीशन मिला। इंदौर के इंजीनियर से ठगे एक लाख 35 हजार और अन्य ठगी में उसके खाते में 6 लाख आए हैं। आरोपी को कोर्ट में पेश कर तीन दिन के रिमांड पर लिया है।
एडीसीपी ने दी थी ठग को चेतावनी
मालूम हो, इंजीनियर युवक के डिजिटल अरेस्ट की सूचना मिलते ही स्वयं क्राइम ब्रांच एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया पीड़ित के घर पहुंचे थे। एडिशनल डीसीपी ने ठग से बात कर उसे चेतावनी दी कि तू जहां भी होगा हैदराबाद, दिल्ली गिरफ्तार करूंगा।
यह था मामला
पीडि़त इंजीनियर के अनुसार उसे 17 दिसंबर को कुरियर कंपनी का कॉल आया, जिसमें उनके नाम का पार्सल विदेश जाने की बात कही गई। उसने पार्सल में एमडीएमए ड्रग्स मिलने, आधार कार्ड के गलत इस्तेमाल और दिल्ली साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराने की बात कही। बातों में फंसाकर तीन दिन तक इंजीनियर को ठग अधिकारी के संपर्क में रखा। ठगों ने आरबीआइ अधिकारी के रूप में खाते की राशि जांच करने की बात कही। ऐप से 1 लाख का लोन लेकर बताए गई यूपीआइ आइडी पर भेजने की बात कही। राशि लौटाने का झांसा दिया। फिर बेल के नाम पर 35 हजार बताए गए खाते में जमा करवा लिए।