scriptदेवराज-लालित्य को जयमहल पैलेस, जयसिंह-विजित को रामबाग | Devraj-lalitya JaiMahal Palace and Jaishingh-Vijit Rambag hotel's owne | Patrika News
जयपुर

देवराज-लालित्य को जयमहल पैलेस, जयसिंह-विजित को रामबाग

रामबाग और जयमहल पैलेस होटल: पूर्व राजपरिवार में कानूनी जंग का पटाक्षेप
सुप्रीम कोर्ट ने आपसी समझौते के आधार पर किया फैसला, अपील निस्तारित

जयपुरDec 22, 2021 / 02:26 am

Shailendra Agarwal

Supreme Court Recruitment 2019

Supreme Court Recruitment 2019

जयपुर। राजधानी स्थित जयमहल पैलेस और रामबाग पैलेस होटल की संपत्ति को लेकर जयपुर के पूर्व राजघराने के बीच 15 साल से चल रहा विवाद समाप्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर की पूर्व महारानी दिवगंत गायत्री देवी के पोते देवराज और पोती लालित्या तथा दिवंगत पृथ्वीराज सिंह के पुत्र विजित सिंह के बीच समझौते के आधार पर प्रकरण निस्तारित कर दिया। इसके तहत देवराज व लालित्या को जयमहल पैलेस से जुड़ी कंपनी का मालिकाना हक मिलेगा और बदले में उन्हें रामबाग पैलेस से जुड़ी कंपनी की हिस्सेदारी छोड़नी होगी, वहीं रामबाग पैलेस से जुड़ी कंपनी पर जयसिंह, दिवंगत पृथ्वीराज सिंह के पुत्र विजित सिंह का मालिकाना हक होगा और विजित सिंह को जयमहल से जुड़ी कंपनी के शेयर छोड़ने होंगे।
दोनों पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश कुरियन जोसेफ की मध्यस्थता के आधार पर समझौता किया, जिसे मंजूरी देकर सुप्रीम कोर्ट ने देवराज व अन्य की अपीलों को निस्तारित कर दिया। देवराज के अधिवक्ता अभिषेक राव के अनुसार इस समझौते के तहत विजित सिंह पक्ष की ओर से जयमहल पैलेस के 93 प्रतिशत शेयर देवराज व लालित्या को सौंपे जाएंगे, वहीं देवराज व लालित्या रामबाग पैलेस के 4.7 प्रतिशत शेयर जयसिंह व विजित सिंह को देंगे। बताया जा रहा है कि रामबाग पैलेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में रामबाग पैलेस होटल, रामगढ़ लॉज और सवाई माधोपुर शटिंग लॉज शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राजपरिवार के इस विवाद का हल निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश कुरियन जोसेफ को मध्यस्थ नियुक्त किया था और उनके प्रयासों से दोनों पक्षों में 15 दिसंबर को समझौता हो गया। सुप्रीम कोर्ट से मंजूर इस समझौते के तहत शेयरों की अदला-बदली की प्रक्रिया में करीब दो माह का समय लगने की संभावना है।
टाटा ग्रुप चला रहा होटल
रामबाग पैलेस और जसयमहल पैलेस दोनों को ही टाटा ग्रुप की कंपनी इंडियन होटल्स लिमिटेड चला रही है। शेयर हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस कंपनी के साथ भी नए सिरे से समझौता करना होगा।
इसलिए पहुंचा मामला सुप्रीम कोर्ट
एनसीएलटी के मार्च 2020 के आदेश से व्यथित होकर देवराज व लालित्या की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी। देवराज व लालित्य के अधिवक्ता अभिषेक राव ने बताया कि वे पहले की तरह जयमहल पैलेस में 99 प्रतिशत व रामबाग पैलेस में 27.5 प्रतिशत शेयर प्राप्त करना चाहते थे, जो बाद में कम रह गए थे। अब दोनों पक्षों का अलग-अलग कंपनियों के स्वामित्व पर समझौता हो गया है। उधर, विजित सिंह के अधिवक्ता संजीव सेन के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में अपने फैसले में जगत सिंह की वसीयत को वैध माना। एनसीएलटी ने मार्च 2020 में कहा कि दोनों कंपनियों के मामले में देवराज व लालित्या को दखल करने का अधिकार नहीं है। जय सिंह व विजित सिंह ने बड़ा दिल दिखाते हुए नए समझौते के तहत जगत सिंह के पुत्र-पुत्री को जयमहल का अधिकार देना मंजूर किया।
1997 से शुरु हुआ विवाद
विवाद का जन्म 1997 में देवराज व लालित्या के पिता जगत सिंह के समय हुआ, लेकिन कोर्ट में करीब 15 साल पहले पहुंचा। जगत सिंह के पुत्र देवराज व लालित्या इस मामले में अदालती लड़ाई लड़ रहे थे।

Hindi News / Jaipur / देवराज-लालित्य को जयमहल पैलेस, जयसिंह-विजित को रामबाग

ट्रेंडिंग वीडियो