बड़ी चौपड़ स्थित लक्ष्मीनारायण बाईजी मंदिर में पुरुषोत्तम भारती के सान्निध्य में दोपहर में तुलसी-सालिग्राम विवाह हुआ। इससे पूर्व विधिवत पूजा-अर्चना की गई। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने तुलसी और सालिगरामजी की परिक्रमा की।
इससे पहले सुबह शंख, घंटा, घडिय़ाल की मधुर स्वर लहरियों के बीच उतिष्ठो.उतिष्ठो नारायण मंत्र के साथ ठाकुरजी को जगाया गया। सबसे पहले चांदी के गिलास में केसर मिश्रित हल्के गर्म दूध का भोग लगाया गया। सुगंधित गुनगुने जल से स्नान कराने के बाद पंचामृत और पंचगव्य से अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण कराई गई।
पानों का दरीबा सुभाषए चौक स्थित शुक संप्रदाय आचार्य पीठ सरस निकुंज में पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में देवउठनी एकादशी पर ठाकुर राधा सरस बिहारी सरकार को सुबह पीठ के आचार्यों के रचित पदों की मधुर स्वर लहरियों के साथ जगाया गया। अभिषेक, पूजा और शृंगार के कार्यक्रम हुए।
रामगंज स्थित लाड़लीजी मंदिर, पुरानी बस्ती स्थित गोपीनाथजी सहित अन्य मंदिरों में भी देवउठनी एकादशी धूमधाम से मनाई गई। गोनेर स्थित लक्ष्मी जगदीश महाराज के मंदिर में देवउठनी एकादशी का मेला भरा। अनेक धार्मिक आयोजनों में हजारों श्रद्धालुओं ने लक्ष्मी जगदीश भगवान दर्शन किए। खीर-मालपुओं का भोग लगाया।