उत्तरी रिंग रोड प्रोजेक्ट के मुख्य कॉरिडोर के लिए जमीन अवाप्ति का महत्वपूर्ण काम नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) खुद कर रही है। जमीन अवाप्ति से लेकर मुआवजे का भुगतान एनएचएआई करेगी। इसमें करीब 3 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च होंगे। कुछ दिन पहले ही जयपुर जिला प्रशासन ने रिंग रोड बनाने के लिए मार्च 2023 तक भूमि अवाप्ति का लक्ष्य रखा है। कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने एनएचएआई को भूमि अवाप्ति के लिए 20 दिसंबर से पहले अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिए हैं।
उत्तरी रिंग रोड बनने से शहर में ट्रैफिक का दबाव कम होगा, वहीं 200 फीट अजमेर रोड पर यातायात दबाव कम होने के साथ 30 हजार से अधिक वाहनों को आवागमन की सुविधा मिलेगी। चालकों को इससे करीब 15 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। वहीं जयपुर से सीधे दिल्ली मुम्बई एक्सप्रेस—वे जुड़ सकेगा।