अफसर आवंटन से जुड़ी गाइडलाइन जारी करने की प्रक्रिया में अड़ंगा लगाते रहे। जबकि, तत्कालीन सरकार ने ही सौर ऊर्जा संचालित ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने पर 50 प्रतिशत दर पर सरकारी जमीन आवंटित करने के आदेश जारी किए थे। गौरतलब है कि सरकार ने राजस्थान इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी अगस्त, 2022 में जारी की थी।
इस तरह साइड इफेक्ट
जरूरत के आधार पर चार्जिंग स्टेशन नहीं है। यदि वाहन को कम समय में चार्ज करना है तो लोगों को वाहन डीलर के शोरूम या फिर उसके सर्विस सेंटर पर ही जाना पड़ रहा है। इससे न केवल ज्यादा समय लग रहा है बल्कि ज्यादा वाहन चालक होने के कारण कतार में भी लगना पड़ रहा है।
आवेदन आए, पर अटक गए
नगरीय विकास विभाग, रीको व राजस्व विभाग के जरिए अक्षय ऊर्जा निगम के पास करीब 262 आवेदन आए, लेकिन ज्यादातर पर कार्यवाही नहीं हुई। सरकार ने शुरूआती पांच सौ आवेदन पर सस्ती जमीन देने के आदेश दिए थे। राजधानी में मेट्रो के कई स्टेशन पर सुविधा दी गई, पर लोगों को जानकारी नहीं होने से इसका उपयोग नहीं हो पा रहा है। उद्योग भवन में ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन लम्बे समय बाद दिखावे के लिए शुरू किया गया। पहले तो संचालन करने वाला कोई नहीं मिला, निर्माण कार्य के चलते हटा दिया गया।