scriptसंघ को समझने के लिए दिमाग नहीं दिल चाहिए-होस्बाले | Deendayal Smriti Vyakhyan Rss Dattatreya Hosabale | Patrika News
जयपुर

संघ को समझने के लिए दिमाग नहीं दिल चाहिए-होस्बाले

बिड़ला ऑडिटोरियम में बुधवार को दीनदयाल स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया। आरएसएस कल, आज और कल विषय पर व्याख्यान पर आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होस्बाले ने कहा कि संघ को समझने के लिए दिमाग नहीं दिल चाहिए।केवल दिमाग से काम नहीं चलेगा, क्योंकि दिल और दिमाग बनाना ही संघ का काम है।

जयपुरFeb 01, 2023 / 08:42 pm

Umesh Sharma

dattatreya_hosabale.jpg
जयपुर। बिड़ला ऑडिटोरियम में बुधवार को दीनदयाल स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया। आरएसएस कल, आज और कल विषय पर व्याख्यान पर आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होस्बाले ने कहा कि संघ को समझने के लिए दिमाग नहीं दिल चाहिए।केवल दिमाग से काम नहीं चलेगा, क्योंकि दिल और दिमाग बनाना ही संघ का काम है। यही वजह है कि आज संघ का प्रभाव भारत के राष्ट्रीय जीवन में है।
उन्होंने कहा कि यह हिन्दू राष्ट्र है, क्योंकि इस देश को बनाने वाले भी हिन्दू हैं। कुछ लोग कहते हैं कि वेद पुराण में हिन्दू नहीं है, लेकिन वेद पुराण में ऐसा भी नहीं कि इन्हें स्वीकार नहीं किया जाए। सत्य और उपयोगी बातों को स्वीकार करना चाहिए। डॉ. हेडगेवार इस व्याख्या में नहीं पड़े कि हिन्दू कौन हैं ? भारत भूमि को पितृ भूमि मानने वाले हिन्दू हैं। जिनके पूर्वज हिन्दू हैं, वे हिन्दू हैं। जो स्वयं को हिन्दू माने वो हिन्दू हैं। हम जिन्हें हिन्दू कहते हैं वह हिन्दू हैं। उन्होंने कहा कि आज संघ राष्ट्र जीवन के प्रमुख संगठन के नाते उभरा है। संघ में जाने वाले को कोई नहीं कह सकता कि भौतिक रूप से क्या मिला ? संघ के प्रत्येक स्वयंसेवक के जीवन मे परिवर्तन हुआ है।
कोई स्पृश्य या अस्पृश्य नहीं

होस्बाले ने कहा कि डॉ. हेडगेवार ने 1940 में संघ शिक्षा वर्ग में कहा था कि बाबा साहब अम्बेडकर भी एक शिविर में आए थे। तब बाबा साहब ने पूछा था कि अस्पृश्य और स्पृश्य कौन हैं ? तब हेडगेवार ने कहा हम सभी हिन्दू हैं। सभी वर्ण हम सभी में है। न कोई अस्पृश्य है ना ही कोई स्पृश्य। हम सभी चारों ही वर्णों के कार्यों को करते हैं।
लोकतंत्र की स्थापना में आरएसएस की भूमिका

होस्बाले ने कहा कि देश में लोकतंत्र की स्थापना में आरएसएस की भूमिका रही। ये बात विदेशी पत्रकारों ने लिखी थी। तमिलनाडु में मतांतरण के विरुद्ध हिन्दू जागरण का शंखनाद हुआ था। उन्होंने संघ के संघर्ष काल को बताया कि किस तरह से संघर्ष के दौर से संघ गुजरा। उस दौर का किया जिक्र जब पत्रकार संघ के कहने से खबर तक नहीं छापते थे, लेकिन आज संघ छपता है तो अखबार बिकता है। संघ के सैंकड़ो लोगों की हत्याएं हुई लेकिन संघ के कार्यकर्ता डरे नहीं है। संघ सिर्फ राष्ट्र हित में काम करने वाला है। हम नेशनलिस्ट हैं।
संघ ने हर दर्द को सहा और कहा एन्जॉय द पेन

उन्होंने कहा कि संघ ने हर दर्द को सहा और कहा एन्जॉय द पेन। आज राष्ट्र जीवन के केंद्र बिंदु पर संघ है। संघ व्यक्ति निर्माण और समाज निर्माण के कार्य करता रहेगा। समाज के लोगो को जोड़कर समाज के लिए काम करेगा। आज संघ के एक लाख सेवा कार्य चलते हैं। संघ एक जीवन पद्धति और कार्य पद्धति है। संघ एक जीवन शैली है और संघ आज एक आंदोलन बन गया है। हिंदुत्व के सतत विकास के आविष्कार का नाम आरएसएस है।

Hindi News / Jaipur / संघ को समझने के लिए दिमाग नहीं दिल चाहिए-होस्बाले

ट्रेंडिंग वीडियो