scriptराजस्थान में बेकाबू स्वाइन फ़्लू को लेकर अब आई ये चौंकाने वाली खबर, अब तक हो चुकीं 217 मौतें | Death toll due to Swine flu in Rajasthan increasing | Patrika News
जयपुर

राजस्थान में बेकाबू स्वाइन फ़्लू को लेकर अब आई ये चौंकाने वाली खबर, अब तक हो चुकीं 217 मौतें

प्रदेश में स्वाइन फ्लू से 217 मौत, स्वास्थ्य विभाग अब भी पुरानी दवा के भरोसे

जयपुरSep 30, 2017 / 01:38 pm

Nakul Devarshi

swine flu
जयपुर।

प्रदेश में स्वाइन फ्लू से 217 मौत हो चुकी है और 2800 से ज्यादा लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग लगातार दावा कर रहा है कि मिशिगन वायरस के उपचार के लिए ऑसेल्टामीवियर दवा ही कारगर है। जबकि जानकारों का मानना है कि नए वायरस के लिए पुराने वायरस की दवा से उपचार कितना कारगर है, इस पर बढ़ती मौत के बाद संशय होने लगा है।
गौरतलब है कि इस साल मई और जून में जब प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मामलों की बाढ़ आने लगी तो स्वाइन फ्लू के बदले स्वरूप का खुलासा हुआ। पुणे की लैब में जांच में पता लगा कि स्वाइन फ्लू के केलिफोर्निया वायरस की जगह अब मिशिगन वायरस आ गया है। हालांकि दवा अब भी ऑसेल्टामीवियर ही है।
स्वाइन फ्लू के उपचार में जुटे चिकित्सकों का कहना है कि स्वाइन फ्लू से मौत के बढ़ते मामलों को देखें तो कहीं न कहीं नए वायरस के मुताबिक दवा का नहीं होना भी एक कारण है। बाजार में अभी ऑसेल्टामिवियर की जगह स्वाइन फ्लू के नए वायरस के लिए कोई दवा उपल्ब्ध नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग लगातार दावा करता रहा है कि स्वाइन फ्लू से बचाव के सभी इंतजाम किए जा रहे हैं और लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। विभाग लगातार यह भी दावा कर रहा है कि भले ही स्वाइन फ्लू के वायरस के डीएनए में बदलाव हुआ है, लेकिन अभी भी ऑसेल्टामिवियर दवा कारगर है। मरीज इस दवा को लेकर पूरी तरह से ठीक हो रहे हैं और अब स्वाइन फ्लू के मामलों में कमी भी आई है।
दो दर्जन से ज्यादा मरीज पहुंचे रहे रोजाना
प्रदेश में स्वाइन फ्लू से अब तक 217 लोगों की मौत हो चुकी है और पॉजीटिव मरीजों का आंकड़ा 2800 के पार पहुंच गया है। वहीं प्रतिदिन प्रदेश में दो दर्जन से ज्यादा स्वाइन फ्लू के मरीज सामने आ रहे हैं। हालांकि बीते पांच दिनों में पॉजीटिव मरीजों की संख्या में कमी आई है, लेकिन चिकित्सकों का कहना है है कि अब कुछ समय बाद सर्दी आने वाली है और गिरते तापमान में यह वायरस शक्तिशाली होता है या नहीं अभी यह सर्दी आने के बाद ही पता चलेगा।
एसएमएस अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रमन शर्मा ने बताया कि जो दवा स्वाइन फ्लू के उपचार में दी जा रही है वह पूरी तरह से कारगर है। यह दवा तब ही कारगर नहीं है, जब मरीज को निमोनिया हो चुका हो। ऐसी स्थिति में दवा देरी से असर करती है।

Hindi News / Jaipur / राजस्थान में बेकाबू स्वाइन फ़्लू को लेकर अब आई ये चौंकाने वाली खबर, अब तक हो चुकीं 217 मौतें

ट्रेंडिंग वीडियो