import-export: आयात-निर्यात के लिए कूरियर प्रणाली की शुरुआत
केंद्र सरकार का निर्यात कारोबार ( export business ) पर फोकस कर रही है। 400 अरब रुपए का निर्यात भारत से करने की योजना है। इसको लेकर केंद्रीय एजेंसियां भी सक्रिय हैं। केंद्रीय सीमा शुल्क ( Jaipur Customs ) एवं अप्रत्यक्ष बोर्ड (cbic) के अध्यक्ष एम. अजीत कुमार ने सोमवार को जयपुर सीमा शुल्क की नई सुविधा एक्सप्रेस कार्गो ( Express Cargo Clearance System ) क्लिरियेन्स सिस्टम (ईसीसीएस) को लॉन्च किया।
import-export: आयात-निर्यात के लिए कूरियर प्रणाली की शुरुआत
जयपुर। केंद्र सरकार का निर्यात कारोबार पर फोकस कर रही है। 400 अरब रुपए का निर्यात भारत से करने की योजना है। इसको लेकर केंद्रीय एजेंसियां भी सक्रिय हैं। केंद्रीय सीमा शुल्क एवं अप्रत्यक्ष बोर्ड (सीबीआईसी) के अध्यक्ष एम. अजीत कुमार ने सोमवार को जयपुर सीमा शुल्क की नई सुविधा एक्सप्रेस कार्गो क्लिरियेन्स सिस्टम (ईसीसीएस) को लॉन्च किया। इस अवसर पर कस्टम विभाग की समीक्षा बैठक भी आयोजित हुई। बैठक में कुमार ने मानवश्रम की कमी को दूर करते हुए खाली पदों पर जल्द नियुक्ति करने का भरोसा दिलाया, साथ ही कहा कि आगामी भर्तियों में भी पदों का कोटा बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए की निर्यातकों की सुविधा से जुड़े सभी कदम उठाएं। समय-समय पर बड़े अधिकारी निर्यातकों के साथ बैठक भी करें, आयातक और निर्यातकों की सुविधा के लिए उन्होंने अतिरिक्त कॉर्गों सेंटर बनाने की भी बात कहीं। जयपुर मुख्यालय पर आयोजित बैठक को चीफ कमिश्नर कस्टम दिल्ली के सुरजीत भुजबल और कस्टम आयुक्त राहुल नांगरे ने भी संबोधित किया। डिप्टी कमिश्नर शुभ अग्रवाल ने विभाग की गतिविधियों से जुड़ी पॉवर प्रजेंटेशन दी। इस अवसर पर एम. अजीत कुमार ने आयुक्तालय के कार्यकलापों के विवेचन वृतांत की वार्षिक पुस्तिका ‘मरुधराÓ के प्रथम अंक का विमोचन भी किया गया।
ईसीसीएस से ये होंगे फायदे
ईसीसीएस जयपुर सीमा शुल्क द्वारा प्रदान की जाने वाली नई सुविधा है, जिसमें आयात-निर्यात के लिए कूरियर प्रणाली की शुरुआत की जा रही है, इस कूरियर प्रणाली से जयपुर के आयात-निर्यात व्यवसायियों और छोटे व्यापारियों को समयबद्ध पार्सल भेजने में समय की खासी बचत होगी। ईसीसीएस कुरियर सुविधा पूरी तरह से स्वचालित और सिस्टम आधारित है, जिसमें न्यूनतम परीक्षण और अत्यंत तीव्र गति से क्लीयरेंस होता है। यह वर्तमान में आयात-निर्यात हेतु उपलब्ध कार्गो प्रणाली की अपेक्षाकृत कहीं ज्यादा सस्ती और तेज है।
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