राजधानी जयपुर में भी कई ऐसे किसान रहते हैं, जिनके खेत आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। लेकिन परिवार नौकरी के चलते जयपुर आकर बस गया। ये परिवार रोज या फिर सप्ताह में एक बार आवाजाही कर खेत में फसल को संभाल आते थे। लेकिन लॉक डाउन के बाद कई किसान परिवार राजधानी जयपुर में फंस गए। ऐसे किसानों को अपनीी फसल कटाई के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इससे फसल खेत में चौपट होने की आशंका है।
गौरतलब है कि हाल ही मौसम बदलने पर बारिश और ओलावृष्टि में किसानों की फसले चौपट हो गई। कुछ फसल बची है, वो समय पर कटाई नहीं होने पर चौपट हो जाएगी। दिल्ली रोड पर कूकस के आगे बिछवाड़ी की पुलिया के पास खेत मालिक शंकर ने बताया कि वे रहते मानसरोवर में है। जबकि अभी उनके खेत में गेहूं, सरसों, चना की फसल खड़ी है। लॉक डाउन से पहले कुछ फसल कट गई थी, जो भी खेत में पड़ी है। अब फसल नहीं निकलवाई तो नष्ट हो जाएगी।
इसी प्रकार सोडाला निवासी किसान बाबूलाल ने बताया कि भानपुर कलां में उनके चने की खेती यूं ही पड़ी है। जमवारामगढ़ निवासी रामोतार ने बताया कि बड़ी संख्या में जयपुर में बसने वाले लोगों के पैतृक खेत आस-पास के गांवों में है। सरकार फसल कटाई और निकलवाने की तस्दीक करने के बाद ऐसे किसानों को भी फसल कटाई के लिए पास जारी करे।