बिड़ला ने कहा कि आज मशीनी युग है। पहले भी वैज्ञानिकों को याद रखा जाता था। कौन राजा कितने साल राज करता है। यह कोई याद नहीं रखता है। लेकिन किस वैज्ञानिक ने कब क्या अविष्कार किया। उसे हमेशा याद रखा जाता है। इसलिए हमेशा आगे बढ़कर वैज्ञानिक तौर पर अविष्कार करे। बिड़ला ने कहा कि जब अंग्रेजों का जमाना था। तब पंडित मदन मोहन मालवीय ने यह विश्वविद्यालय तैयार कराया था। तब उनके पास धन का अभाव था। लेकिन लक्ष्य और विचार मजबूत थे। जिसकी वजह से जयपुर में और काशी में उन्होंने विश्वविद्यालय बनाया। पहले यहां पढ़ाई होती थी। लेकिन आज बदलते भारत में यह अनुसंधान केंद्र बन गए है।
इस दौरान एमएनआईटी के डायरेक्टर प्रोफेसर एनपी पाढ़, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ आरके त्यागी व अन्य ने बिड़ला का सम्मान किया। इस दौरान फेकल्टी मेम्बर्स भी मौजूद रहें।
इस तरह की गई डिग्री वितरित..
दीक्षांत समारोह में सत्र 2021-22 के बीटेक, बीआर्क, एमटेक, एम प्लानिंग,एमबीए, एमएससी और पीएचडी छात्रों को डिग्री दी गई। वर्ष 2021-22 के लिए कुल 673 बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी डिग्री, 54 बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर डिग्री,412 मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी डिग्री और 24 मास्टर ऑफ प्लानिंग डिग्री प्रदान की गई। 94 छात्रों ने भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित में एमएससी डिग्री प्राप्त की। दीक्षांत समारोह में वर्ष 2021-22 के लिए 52 एमबीए की डिग्रियां प्रदान की गई। दीक्षांत समारोह में 143 शोधार्थी पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। संस्थान ने कुल 1452 डिग्री प्रदान की, जिनमें से 72 स्नातक डिग्री, 582 मास्टर डिग्री और 143 डॉक्टरेट डिग्री हैं। शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए बीटेक, बीआर्क,एमटेक,एम प्लानिंग और एमएससी पाठ्यक्रमों के टॉपर्स को दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के 8 यूजी, और 29 पीजी छात्रों को उनके शैक्षणिक कार्यक्रमों में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए स्वर्ण पदक दिए गए।