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जयपुर

घूस के लिए साजिश, मछलियां मरेगी तब देगा रिश्वत

तैयार होने के बाद भी छिपा कर रख लिया था लाइसेंस। मत्स्य विभाग का निदेशक और सहायक निदेशक दो दिन की रिमांड पर। एसीबी कर रही पूछताछ।
 

जयपुरJan 21, 2024 / 12:41 pm

Om Prakash Sharma

घूस के लिए साजिश, मछलियां मरेगी तब देगा रिश्वत

घूस के लिए साजिश, मछलियां मरेगी तब देगा रिश्वत

जयपुर. गिरफ्तार मत्स्य विभाग का निदेशक घूस के लिए मछलियों के मरने का इंतजार कर रहा था। ठेकेदार ने नवम्बर में लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। निविदा के अनुसार उसका लाइसेंस बना दिया गया था, लेकिन निदेशक प्रेमसुख बिश्नोई और सहायक निदेशक राकेश दवे ठेकेदार को लाइसेंस नहीं दे रहे थे। बिना लाइसेंस ठेकेदार तालाब से मछलियां नहीं निकाल सकता। अधिकारी इस बात का इंतजार कर रहे थे कि मछलियां मरने लगेगी तो ठेकेदार अपने-आप रिश्वत देने आएगा। अब एसीबी लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया की भी पड़ताल कर रही है।पूछताछ के लिए एसीबी ने शुक्रवार को गिरफ्तार मत्स्य विभाग के निदेशक प्रेमसुख बिश्नोई (आईएएस) और सहायक निदेशक राकेश दवे को शनिवार को कोर्ट में पेश कर दो दिन की रिमांड पर लिया है। दोनों की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार देर रात को उनके ठिकानों पर तलाशी ली गई। उनके घर से प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले हैं। एसीबी अब पूछताछ कर रही है कि यह प्रॉपर्टी उन्होंने कब खरीदी थी। इसके साथ ही एसीबी ने उनके घर से कुछ दस्तावेज भी बरामद किए है जिनकी जांच चल रही है।
यह था मामला

परिवादी ने टोंक में अन्नपूर्णा तालाब से मछली पकड़ने के लाइसेंस के लिए गत वर्ष नवम्बर में आवेदन किया था। इसके लिए फीस भी जमा करवा दी थी। लाइसेंस के लिए राकेश दवे ने निदेशक प्रेमसुख बिश्नोई से बात कर एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी। रकम कम करते-करते 35 हजार रुपए में सौदा तय किया। शुक्रवार को परिवादी निदेशक बिश्नोई के पास पहुंचा जहां रिश्वत की राशि सहायक निदेशक को देने के लिए कहा। परिवादी ने 35 हजार रुपए देकर लाइसेंस लिया तभी एसीबी ने रंगे हाथ पकड़ लिया।

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