कंप्यूटर ऑपरेटरों का आरोप है कि उन्हें पिछले दो महीनों से वेतन नहीं मिला है। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है। उन्होंने ठेकेदार पर वेतन न देने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस स्थिति ने उन्हें मजबूर कर दिया कि वे हड़ताल का रास्ता अपनाएं। कर्मचारियों का कहना है कि बिना वेतन के उनकी रोजमर्रा की ज़िंदगी मुश्किल हो गई है और उनके परिवारों पर इसका गंभीर असर पड़ा है।
इस मामले में अस्पताल प्रशासन ने चुप्पी साध ली है। जब पत्रिका ने अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विनय मल्होत्रा से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने कॉल का जवाब नहीं दिया। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन इस मामले को लेकर किसी प्रकार की जवाबदेही से बच रहा है।
वहीं दीपक एंटरप्राइजेज के ठेकेदार रामकरण शर्मा ने कहा कि 35 ऑपरेटरों के वर्क ऑर्डर पूरा करने में परेशानी आ रही थी। उन्होंने स्वीकार किया कि सितंबर महीने का वेतन रूका हुआ है। लेकिन आश्वासन दिया कि आज शाम तक सभी कर्मचारियों का वेतन दे दिया जाएगा।
ऑपरेटरों का कहना है कि यह कोई नया मामला नहीं है और बार-बार ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उनकी मांग है कि भविष्य में समय पर वेतन भुगतान किया जाए। ताकि उन्हें इस तरह के संकट का सामना न करना पड़े।