1-उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित होने से पूर्व ही सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं।
2-सभी विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूचियों में नाम जोडऩे और संशोधन से जुड़े आवेदनों को जल्द निस्तारित किया जाए।
3-संबंधित क्षेत्र के बूथ लेवल अधिकारी से लेकर रजिस्ट्रीकरण अधिकारी तक विशेष प्रयास करें और संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी इस कार्य की निगरानी करें।
4-जिन मतदान केंद्रों पर 1,500 से अधिक मतदाता होने की संभावना है, वहां सहायक मतदान केंद्र स्थापित करने की कार्यवाही करें।
5-मतगणना स्थल भी उन शिक्षण संस्थाओं में बनाए जाएं, जहां संस्थान में पढ़ाई का कार्य बाधित नहीं हो। इन जिलों के निर्वाचन अधिकारियों के साथ हुई बैठक
दौसा, झुंझुनू, टोंक, नागौर, उदयपुर, डूंगरपुर और अलवर जिलों की एक-एक रिक्त विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों, उप जिला निर्वाचन अधिकारियों, मतदाता रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों और सहायक निर्वाचन अधिकारियों सहित चुनाव प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों के साथ उपचुनाव के लिए तैयारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विस्तृत समीक्षा की। इन सीटों पर उपचुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आगामी दिनों में चुनाव कार्यक्रम घोषित किया जाना है।