दरअसल, पिछले एक से डेढ़ वर्ष में सीएनजी वाहनों की बिक्री में इजाफा हुआ है। (CNG CARS) वाहन बढ़ने के पीछे का कारण सीएनजी की कम कीमत थी। लेकिन, जैसे जैसे वाहनों की संख्या बढ़ी वैसे-वैसे सीएनजी की कीमतों में भी इजाफा होता चला गया। लेकिन, अब ऐसा नहीं है। डीजल से महंगी सीएनजी हो चुकी है। इसके बाद उपलब्धता की भी दिक्कत रहती है। अभी सीएनजी की कीमत 95 रुपए प्रति किलो है और डीजल की कीमत 93.74 रुपए प्रति लीटर है।
आठ माह में ऐसे बढ़े सीएनजी के दाम
9 जुलाई- 89 रुपए
26 जुलाई- 90 रुपए
2 अक्टूबर- 93 रुपए
10 जनवरी- 94 रुपए
3 मार्च -95 रुपए
(सीएनजी की कीमतें प्रति किलो के हिसाब से)
बिक्री पर भी पड़ रहा असर
-सीएनजी पंप संचालकों (CNG PUMP STATION)का कहना है कि लगातार महंगी होती गैस से बिक्री पर भी असर पड़ रहा है। कभी एक रुपया तो कभी तीन रुपए कम्पनियां सीएनजी पर बढ़ा देती हैं। धीरे-धीरे डीजल से महंगी सीएनजी हो गई।
-वाहन चालकों ने स्वीकार किया कि पहले सीएनजी सस्ती होने से टैंक फुल करा लेते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। सस्ते ईंधन की आस में महंगी गाडियां खरीदी
पेट्रोल से सीएनजी सस्ती होने के कारण लोगों ने महंगी सीएनजी युक्त कारें खरीदीं। सीएनजी किट युक्त कार अन्य कारों के मुकाबले एक से डेढ़ लाख रुपए महंगी होती है। अब सीएनजी महंगी होने के कारण लोगों को चिंता है कि कीमतें ऐसे ही बढ़ती रहीं तो महंगी गाड़ी खरीदना उनके लिए घाटे का ही सौदा होगा।