इससे पहले जब सीएम गहलोत अपने गृह नगर जोधपुर में थे तो वहां कई लोगों ने उनके बेटे वैभव को जोधपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाने की मांग की थी। इस पर भी गहलोत ने कहा था कि कांग्रेस आलाकमान की इच्छा होगी और वैभव को टिकट मिलेगा तो वे चुनाव लड़ेंगे, लेकिन जिसे भी टिकट मिले आप लोग उसे जरूर जिताएं। पिछले कई दिनों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिस तरह से बार-बार वैभव गहलोत को लोकसभा चुनाव लडऩे की अटकलों को हवा दे रहे हैं, उससे साफ है कि इस बार वैभव गहलोत चुनाव लड़ सकते हैं।
दिल्ली में दो दिन चली छानबीन समिति की बैठक में 17 सीटों पर एकल नाम के उम्मीदवार को लेकर सहमति बन चुकी है। बैठक में सिर्फ जिताऊ उम्मीदवार को लेकर पैमाना देखा जा रहा है। जिन सीटों पर एकल नाम की सहमति बनी है, उनमें जोधपुर, जालोर-सिरोही, बाड़मेर-जैसलमेर, उदयपुर, बांसवाड़ा-डूंगरपुर, सीकर, झुंझुनूं, अलवर, झालावाड़-बारां, पाली, श्रीगंगानगर, बीकानेर, राजसमंद, कोटा-बूंदी, दौसा, धौलपुर-करौली और नागौर लोकसभा सीट हैं। आठ सीटों अजमेर, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, चूरू, भरतपुर, चित्तौडगढ़़, टोंक-सवाईमाधोपुर और भीलवाड़ा पर पेंच फंसा हुआ है। बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ पर भाजपा की ओर से पहले एलान किए जाने का इंतजार किया जा रहा है। छानबीन समिति की अगली बैठक 15 मार्च को हो सकती है। उसके बाद सीईसी में नाम भेजे जाएंगे। जिन सीटों पर सहमति नहीं बनेगी, उनका जिम्मा आलाकमान पर छोड़ा जाएगा।