इन योजनाओं के माध्यम से जनता का पैसा राहत के रूप में जनता पर ही खर्च किया जा रहा है। यह रेवडी न होकर जनसेवा का कार्य है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की इन योजनाओं से जो बचत होगी, उसे लाभार्थी परिवार अपने बच्चों के भविष्य को संवारने, उनकी पढ़ाई तथा अन्य भरण-पोषण पर खर्च कर सकेंगे।
गहलोत ने कहा कि प्रदेशभर में महंगाई राहत कैम्प लगाए जा रहे हैं, इससे आमजन पर महंगाई का बोझ कम हुआ है। उन्होंने कहा कि इन शिविरों के माध्यम से 10 योजनाओं के द्वारा लोगों को अधिकतम राहत पहुंचाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से प्रदेशवासियों को 500 रुपए में गैस सिलेण्डर, 25 लाख रुपए तक का निःशुल्क इलाज, न्यूनतम 1000 रुपए पेंशन, दुधारू पशुओं का बीमा, अन्नपूर्णा फूड किट, मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना तथा घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 100 यूनिट प्रतिमाह बिजली निःशुल्क, 200 यूनिट बिजली तक सभी सरचार्ज हटाने एवं कृषि उपभोक्ताओं के लिए प्रतिमाह 2000 यूनिट बिजली निःशुल्क दिए जाने जैसी योजनाएं लागू की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक महंगाई राहत कैम्पों से 1.43 करोड़ परिवार जुड़ चुके हैं तथा 6.44 करोड़ गांरटी कार्ड दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं से हर वर्ग लाभान्वित हो रहा है।
केंद्र सरकार सामाजिक सुरक्षा कानून लागू करे
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार के उत्कृष्ट वित्तीय प्रबंधन से जनहितैषी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा तय मानकों को पूरा करने एवं अनुमति मिलने पर ही राज्य सरकारें विकास कार्यों के लिए ऋण लेती हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पूर्ववर्ती केंद्र सरकार द्वारा कानून बनाकर शिक्षा, सूचना, खाद्य सुरक्षा एवं रोजगार के अधिकार दिए गए, उसी तर्ज पर राज्य में आमजन को स्वास्थ्य का अधिकार कानून बनाकर दिया गया है। केंद्र सरकार को कानून बनाकर पात्र नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा का अधिकार देना चाहिए। केंद्र सरकार को राजस्थान के 13 जिलों के लिए महत्वपूर्ण पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करना चाहिए अन्यथा इसकी लागत में रिफाईनरी की तरह अप्रत्याशित वृद्धि होने की संभावना है।
मानवीय दृष्टि से लागू की गई पुरानी पेंशन योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मानवीय दृष्टि से पुरानी पेंशन योजना लागू की गई है। इससे कर्मचारियों में अपने भविष्य के प्रति सुरक्षा की भावना आई है। सेवानिवृत्ति के पश्चात कर्मचारियों का भविष्य शेयर मार्केट के अधीन नहीं रखा जा सकता है। देश के कई राज्यों ने राजस्थान की इस पहल का अनुकरण किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पूरे देश में ओपीएस लागू करनी चाहिए।
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