गलता तीर्थ में पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य के सान्निध्य में मेले का आयोजन हुआ। लोगों ने उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। सूरज उगने से पहले ही श्रद्धालु गलता कुंड पर पहुंच गए। सूरज उगने के इंतजार के बीच छठ मैया और सूरज भगवान के गीत गाए। सूरज उगते ही दूसरा अर्घ्य अर्पित किया। इससे पहले समाजबंधु रातभर गलता तीर्थ में जुटे रहे। यहां रात को जागरण व भक्ति संगीत का आयोजन हुआ। इसी प्रकार शास्त्री नगर के किशनबाग और दुर्गा विस्तार कॉलोनी में भी रात्रि जागरण हुआ, यहां गंगा माता, काली माता और हनुमानजी की विशेष झांकी सजाई गई। यहां बनाए गए कृत्रिम जलाशय में श्रद्धालुओं ने खड़े होकर उगते सूरज को अर्घ्य अर्पित किया।
कोसी भरने की परंपरा भी हुई साकार
श्रद्धालुओं ने बांस की टोकरी और सूप में प्रसाद स्वरूप ठेकुआ, गन्ना, गागर (बड़ा नीबू), नाशपाती, सेव, केला, हल्दी, अदरक, मूली, नारियल, केराव, पान, सुपारी और मिठाई रखकर उगते सूरज को दूसरा अर्घ्य अर्पित किया। इससे पहले रात को कोसी भरने की परंपरा भी साकार हुई, इसमें मिट्टी के हाथी, कलश के सामने पंचमुखी दीपक जलाकर महिलाओं ने छठ माता का गुणगान किया।
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यहां हुए आयोजन
बिहार समाज संगठन के महासचिव सुरेश पंडित ने बताया कि किशन बाग, हसनपुरा की दुर्गा विस्तार कॉलोनी, दिल्ली रोड, प्रताप नगर, मालवीय नगर, रॉयल सिटी माचवा, मुरलीपुरा, आदर्श नगर, विश्वकर्मा, जवाहरनगर, निवारू रोड, झोटवाड़ा में लक्ष्मी नगर, कानोता, आमेर रोड, सोडाला, अजमेर रोड, हीरापुरा पॉवर हाउस, सिविल लाइंस, गुर्जर की थड़ी, आकेड़ा डूंगर पर जलाशयों में उगते सूर्य का अर्घ्य अर्पित किया गया।