ज्योतिषाचार्य पंडित राजकुमार चतुर्वेदी ने बताया कि माता की घट स्थापना अक्सर सवेरे होती है। लेकिन इस बाद दोपहर में हो रही है। इसका कारण है चित्रा नक्षत्र और वैघिति योग…..। इन्हें टालकर ही घट स्थापना होती है। इन दोनो का समय दोपहर करीब बारह बजे तक का है। इस कारण इस बार घट स्थापना दोपहर में की जा रही है।
चतुर्वेदी ने बताया कि नौ दिन में माता के अलग अलग रूप और स्वरूप की पूजा होती है। हर स्वरूप की पूजा करने का अपना अलग महत्व है। शास्त्रों के अनुसार माता की पूजा करने के लिए अपने घट यानी मिट्टी के पात्र की स्थापना करनी होती है। आज का दिन इसलिए भी शुभ है क्योंकि आज एक साथ तीन राजयोग हो रहे हैं। इस बार मां का आगमन अश्व पर हो रहा है। उन्होनें बताया कि नवरात्रि का हर दिन वैसे तो उत्तम होता है लेकिन इस बार शुरू के पांच दिनों में खरमास का साया रहेगा, इस कारण से तमाम मांगलिक कार्य पांच दिन के बाद ही शुरु होंगे। हांलाकि माता के हवन और पूजन में किसी तरह की कोई टोक नहीं हैं।