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2003 के अधिनियम में होगा संशोधन – Cigarette and Tobacco Products Act 2003
आयु सीमा को बढ़ाकर 21 वर्ष करने का प्रावधान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुरू किए जा रहे नए विधेयक का हिस्सा है। विधेयक में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन और आपूर्ति और वितरण का निषेध) अधिनियम, 2003 में संशोधन करने का प्रयास किया गया है। विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों के तहत कोई भी व्यक्ति, सिगरेट या किसी अन्य तंबाकू उत्पाद की बिक्री, या बिक्री की अनुमति २१ वर्ष या इससे कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को बेचने की पेशकश नहीं कर सकेगा। इसके साथ ही यह भी प्रावधान है कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान के सौ मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री नहीं हो सकेगी।
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नियमों के उल्लंघन पर जेल व जुर्माने का प्रवधान-
धारा ७ में यह कहते हुए संशोधन किया जा रहा है कि बशर्ते सिगरेट या कोई भी अन्य तंबाकू उत्पाद सील पैक अवस्था में होना चाहिए। मूल पैकेजिंग से बाहर इनकी बिक्री नहीं होगी। इसमें एक और प्रावधान जोड़ा गया है कि कोई भी व्यक्ति, सिगरेट या किसी भी अन्य तंबाकू उत्पादों का तब तक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उत्पादन, आपूर्ति या वितरण नहीं करेगा, जब तक कि सिगरेट या किसी अन्य तंबाकू उत्पाद के हर पैकेज के लिए उत्पादन, आपूर्ति या वितरण को लेकर न्यूनतम मात्रा निर्धारित न की गई हो। इस धारा ७ के उल्लंघन पर दो साल की कैद या एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है, जबकि अधिकतम सजा पांच साल की जेल या पांच लाख रुपये तक का जुर्माना भी हो सकता है।
संजीव शर्मा – IANS