जैनधर्म के 18वें तीर्थंकर अर नाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक मनाया
जनकपुरी ज्योतिनगर जैन मन्दिर में सोमवार को भगवान के श्री चरणों में अपने समस्त दुखों की निर्वृत्ति हेतु अर्थात निर्वाण की भावना के साथ अठारहवे तीर्थंकर भगवान श्री 1008 अर नाथ के मोक्ष कल्याण पर निर्वाण लाडू समर्पित किया गया।
जनकपुरी में जैनधर्म के 18वें तीर्थंकर अर नाथ भगवान का वरदान दिवस के रूप में मोक्ष कल्याणक मनाया गया। जनकपुरी ज्योतिनगर जैन मन्दिर में सोमवार को भगवान के श्री चरणों में अपने समस्त दुखों की निर्वृत्ति हेतु अर्थात निर्वाण की भावना के साथ अठारहवे तीर्थंकर भगवान श्री 1008 अर नाथ के मोक्ष कल्याण पर निर्वाण लाडू समर्पित किया गया। प्रबंध समिति के अध्यक्ष पदम जैन बिलाला ने बताया कि भगवान अरनाथ का जन्म कुरुक्षेत्र के हस्तिनापुर में हुआ था। इस राज्य के महाराजा सुदर्शन उनके पिता थे और महारानी श्रीदेवी, जिन्हें महादेवी भी कहा गया है, इनकी माता थीं। इनका चिन्ह मीन है तथा इनका निर्वाण ,नाटक कूट से सम्मेद शिखर पर हुआ था।मन्दिर में अभिषेक वृहत शान्तिधारा व पूजन के बाद आचार्य समंतभद्र गाथा का तथा निर्वाण काण्ड का वाचन किया गया। इसके बाद भगवान के मोक्ष कल्याण का अर्घ बोलते हुए जयकारो के साथ देवेंद्र मीना कासलीवाल परिवार द्वारा 18 किलो का लाडु मय श्रीफल व दीपक के उपस्थित श्रावकों के साथ चढ़ाया गया ।
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