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जयपुर

कांगो फीवर की आशंका के बाद चिकित्सा मंत्री ने राजस्थान में जारी किया अलर्ट, जोधपुर में मिल चुके हैं दो संदिग्ध

प्रदेश में क्रीमियन कांगो हेमरेजिक फीवर ( Crimean Congo Haemorrhagic Fever Virus ) की आशंका के बाद चिकित्सा विभाग ने अलर्ट जारी किया है।

जयपुरSep 03, 2019 / 08:42 am

Nidhi Mishra

CCHF Alert In Rajasthan After 2 Suspected Patients Found

कांगो फीवर की आशंका के बाद चिकित्सा मंत्री ने राजस्थान में जारी किया अलर्ट, जोधपुर में मिल चुके हैं दो संदिग्ध

जयपुर। प्रदेश में क्रीमियन कांगो हेमरेजिक फीवर ( Crimean Congo Haemorrhagic Fever Virus ) की आशंका के बाद चिकित्सा विभाग ने अलर्ट जारी किया है। जोधपुर में इस फीवर के दो संदिग्ध मरीज ( CCHF Suspected patients ) मिले हैं। विभाग ने दो सदस्यीय चिकित्सकीय दल जोधपुर भी भेजा है। दरअसल, इस बीमारी के लक्षण डेंगू जैसे होने के कारण डॉक्टर इसकी पहचान नहीं कर पा रहे हैं। यह बीमारी डेंगू की तुलना में अधिक घातक है। उधर, बीकानेर में ब्रूसेलोसिस के 12 मरीज मिल चुके हैं। इस बीमारी के लक्षण स्वाइन फ्लू से मिलते हैं। सोमवार को जयपुर में एक कार्यक्रम के बाद चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जोधपुर में दो संदिग्ध मामले क्रीमियन कांगो हेमरेजिक फीवर के मिलने के बाद प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। जोधपुर के दोनों नमूने जांच के लिए अहमदाबाद भेजे गए हैं।

गौरतलब है कि इस बीमारी ने गुजरात में भी कोहराम मचाया हुआ है। वहां इस बीमारी के करीब 30 संदिग्ध मरीज सामने आए हैं। यही नहीं इसी वायरस की वजह से दो महिलाओं समेत तीन लोगों की मौत होने की भी बात सामने आई है। जिन लोगों में कांगो वायरस के लक्षण मिले हैं उनमे उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के मजदूर शामिल हैं।

क्या है कांगो ज्वर
कांगो ज्वर (Crimean–Congo hemorrhagic fever (CCHF) एक विषाणुजनित रोग है। यह विषाणु (वाइरस) पूर्वी एवं पश्चिमी अफ्रीका में बहुत पाया जाता है और ह्यालोमा टिक (Hyalomma tick) से पैदा होता है। यह वायरस सबसे पहले 1944 में क्रीमिया नामक देश में पहचाना गया। फिर 1969 में कांगो में रोग दिखा। तभी इसका नाम सीसीएचएफ पड़ा। फिर 2001 में पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका एवं ईरान में भी इसका प्रकोप बढ़ा।

पशुओं के साथ रहने वालों को खतरा
पशुओं की चमड़ी से चिपके रहने वाला ‘हिमोरल’ नामक परजीवी रोग का वाहक है। इसलिए इसकी चपेट में आने का खतरा उन लोगों को ज्यादा है जो गाय, भैंस, बकरी, भेड़ एवं कुत्ता आदि के संपर्क में रहते हैं।

ये हैं लक्षण

इस बीमारी की चपेट में आने वाले व्यक्तियों की मौत की आशंका बहुत ज्यादा होती है। एक बार संक्रमित हो जाने पर इसे पूरी तरह से शरीर में फैलने में तीन से नौ दिन लग सकते हैं।
– कांगो वायरस से संक्रमित होने पर बुखार के एहसास के साथ शरीर की मांसपेशियों में दर्द, चक्कर आना और सर में दर्द होता है।

– आँखों में जलन होती है और रोशनी से डर लगने लगता है।
– कुछ लोगों को पीठ में दर्द और गला बैठ जाता है।


इन देशों से आया वायरस
भारत में गुजरात से पहले कांगो वायरस का हमला कहीं नहीं हुआ था। यह जानलेवा संक्रमण पाकिस्तान, अफ्रीका, यूरोप एवं अन्य कुछ एशियाई देशों में फैलता था। वर्ष 2001 के दौरान कोसोवो, अल्बानिया, ईरान, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका में इसके काफी केसेज दर्ज किए गए।

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