खेती में कीटनाशकों के इस्तेमाल से बहुत कम हिस्सा अपने वास्तविक मकसद के काम आता है। इसका बड़ा हिस्सा तो हमारे जल स्रोतों तक पहुंच जाता है।इसके बढ़ते प्रयोग के कारण भूजल को प्रदूषित करता है और इससे भूजल बेहद जहरीला हो जाता है। कीटनाशकों को बढ़ता प्रयोग फसलों को खाने से इंसानों की सेहत पर प्रभााव पड़ रहा है बल्कि पशु-पक्षी, कीट पतंगे और पर्यावरण भी प्रभावित हो रहा है।
उर्वरा शक्ति हो रही कम-कृषि उप निदेशक पीसी मीणा बताते हैं कि रासायनिक खाद व कीटनाशकों के बढ़ते इस्तेमाल से भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो गई है। इससे आम आदमी की सेहत पर भी सीधा प्रभाव दिख रहा है। कीटनाशकों के सम्पर्क में किसान भी कई खतरनाक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।
अलवर जिले में भूमि की उर्वराशक्ति निरन्तर कम हो रही है। इसको देखते हुए जमीन के उर्वरा शक्ति की जांच का अभियान चलाया जा रहा है लेकिन किसान अधिक उपज लेने के चक्कर में इन खतरों की भी परवाह नहीं कर रहा है।
प्रतिमाह मिल रहे 10 कैंसर के मरीज चिकित्सा विभाग की आंकड़ों के अनुसार अलवर जिले में कैंसर के रोगियों की संख्या निरन्तर बढ़ती जा रही है। इसका बड़ा कारण रासायनिक व कीटनाशकों का बढ़ता प्रयोग हैं। अलवर जिले में प्रतिमाह 10 से अधिक नए मरीज होते हैं जो कैंसर से पीडि़त होते हैं। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. के. के. शर्मा का कहना है कि अलवर जिले में कैंसर रोग से पीडि़त मरीजों की संख्या निरन्तर बढ़ती जा रही है। इसका मुख्य कारण खेती में अधिक रासायनिक और कीटनाशकों का प्रयोग है। इसको लेकर किसानों को जागरुक किया जाना चाहिए।
यह कहते हैँ चिकित्सक कीटनाशको का बढ़ता प्रयोग कैंसर ही नहीं और भी कई रोगों को जन्म दे रहा है। इस बारे म ें चिकित्सक न्यूरो फिजिशियन डॉ. अमित खंडेलवाल ने बताया कि इससे मोतियाबिंद, रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना, मासिक धर्म के अनियमित होना, स्तन कैंसर में बढ़ोतरी, तनाव और कई बीमारियां सामने आ रही हैं। इसको लेकर जन जागरुकता अभियान चलाना चाहिए।
अलवर जिले में कैंसर के रोगी भी बढ़ रहे हैं। यही नहीं इससे बाल उडऩा, किडनी खराब होना, भूख कम लगना जैसे रोग बढ़ रहे हैं। चिकित्सक डॉ. एमसी गुप्ता के अनुसार अलवर जिलें में कैंसर के रोगी बढऩे का कारण रासायनिक व कीटनाशकों का बढ़ता प्रयोग है।