500 से 700 मरीज आते हैं
आने-जाने पर होने वाले खर्च से लेकर तमाम भार परिवार को उठाने पड़ते हैं। इस हालात में कई परिवार तो बेटियों की पढ़ाई ही छुड़वा देते हैं। यही स्थिति चिकित्सा सुविधाओं की है। हर दिन पटरी पार से सामान्य, शिशु व महिला अस्पताल में इलाज के लिए 500 से 700 मरीज आते हैं। ये भी विभिन्न साधनों के जरिए पहुंचते हैं। पटरी पार इलाके के लोगों को सरकारी कार्यालयों में जाने के लिए भी खासा परेशान होना पड़ता है।इंफ्रास्ट्रक्चर रूप से पटरी पार वाला इलाका मजबूत नहीं हो पाया। यहां बाजार विकसित नहीं किया जा सका। पार्क भी इक्का-दक्का हैं। पटरी पार इलाके के लोग कहते हैं कि हमें महज वोट लेने का जरिया न समझा जाए। विकास यहां भी दिखाई देना चाहिए।
पटरी पार 2 लाख से ज्यादा आबादी
शहर की आबादी करीब 5 लाख है। पटरी पार करीब 2 लाख से ज्यादा निवास करते हैं। ग्रामीण इलाका भी सटा है। रेलवे स्टेशन मध्य में आने से शहर दो भागों में बंट गया। ओवरब्रिज बनाकर इसे जोड़ा गया। ईटाराणा, कला कॉलेज के ओवरब्रिज बनाए। दाउदपुर फाटक के जरिए लोग दूसरे हिस्से से आते-जाते हैं। काली मोरी से पटरी पार कर हजारों लोग आते-जाते हैं।मुख्य शहर का यह हिस्सा
मिनी सचिवालय, सिटी पैलेस, शिक्षा विभाग, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग से लेकर अधिकांश सरकारी कार्यालय।रोडवेज बस स्टैंड, प्राइवेट बस स्टैंड।
सामान्य अस्पताल के अलावा शिशु व महिला अस्पताल।
आईटीआई के अलावा पॉलिटेक्निक कॉलेज।
कला कॉलेज, वाणिज्य कॉलेज, विधि कॉलेज, आरआर कॉलेज, 3 बालिका सीनियर सेकंडरी स्कूल।
मुख्य बाजार, घंटाघर, होप सर्कस, धार्मिक प्रतिष्ठान।
हर कॉलोनी में एक पार्क- 40 से ज्यादा पार्क।
पर्यटन स्थल- मूसी महारानी की छतरी, मोती डूंगरी, सिटी पैलेस, सागर, बाला किला आदि।
शॉपिंग सेंटर और सभी प्रमुख 12 चौक।
पटरी पार संसाधन
सीनियर सेकंडरी स्कूल रेलवे स्टेशनजीएसटी व पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड कार्यालय
दो पार्क।
मंडी।
ईएसआईसी अस्पताल। ये शहर से 10 किमी दूर है।
पीएचसी मूंगस्का।