दरअसल, राजस्थान में SI भर्ती और जिलों के पुनर्गठन जैसे मुद्दों पर राजनीतिक घमासान जारी है। किरोड़ी लाल मीणा फिर से युवाओं और किसानों के मुद्दों को प्राथमिकता देने की मांग की है। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इन विवादों पर क्या कदम उठाते हैं।
भर्ती में अनियमितता पर जताई चिंता
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि SI भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के कई आरोप सामने आए हैं। जांच एजेंसियों और कानूनी विशेषज्ञों की राय के बाद भर्ती को रद्द किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता है सरकार इस पर कोई और कानूनी राय ले रही हो। SI भर्ती के सवाल पर उन्होंने साफ कहा कि अब फैसला मुख्यमंत्री पर निर्भर है। मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री को जनता और भर्ती से जुड़े युवाओं के हित में शीघ्र निर्णय लेना चाहिए।
जिलों के पुनर्गठन पर साधा निशाना
किरोड़ी लाल मीणा ने नए जिलों को लेकर पिछली गहलोत सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे जिले केवल चुनावी दृष्टि से बनाए गए थे। यह फैसला पूरी तरह राजनीतिक था, जिससे जनता को कोई वास्तविक लाभ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अब सभी मापदंडो को ध्यान में रखते हुए पुनर्गठन किया है। मालूम हो कि सीएमओ में शनिवार को हुई कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद भजनलाल सरकार ने गहलोत राज में बने 9 नए जिले और तीन संभाग को खत्म कर दिया है। फैसले के बाद अब राजस्थान में 17 नए जिलों में से केवल 8 नए जिले बालोतरा, डीडवाना, फलौदी, सलूंबर, खैरथल-तिजारा, डीग, कोटपूतली-बहरोड और ब्यावर ही यथावत रहेंगे। वहीं, दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, सांचौर को निरस्त कर दिया है। फैसले में बांसवाड़ा, पाली और सीकर संभाग को भी निरस्त कर दिया गया है।
किरोड़ी ने कृषि संगोष्ठी में दिया संबोधन
इससे पहले किरोड़ी लाल मीणा ने अखिल भारतीय कृषि विश्वविद्यालय कुलपति संघ द्वारा आयोजित ‘उद्यानिकी फसलों का संरक्षण’ विषय पर 16वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कृषि और उद्यानिकी के क्षेत्र में नई तकनीकों और शोध को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उन्होंने किसानों को नवीनतम तकनीक और संसाधन उपलब्ध कराने पर जोर दिया।