1.10 लाख रुपए की रिश्वत मामले में पकड़ी गई थी ममता
एसीबी ने ममता यादव को फरवरी 2022 में 1.10 लाख रुपए की रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया था। उसके साथ चार और कर्मचारी गिरफ्तार किए गए थे। गिरफ्तारी के साथ ही तत्कालीन सरकार ने ममता को निलम्बित कर दिया था, लेकिन उसके खिलाफ अभियोजन की इजाजत नहीं दी थी। अभियोन की मंजूरी 28 मार्च 2022 से लम्बित थी। एसीबी ने इसके लिए वर्ष 2023 में भी तत्कालीन सरकार को पत्र भी लिखा था। उस समय के एक राज्य मंत्री ने ममता यादव के खिलाफ अभियोजन की मनाही के लिए सरकार को पत्र भी लिखा था। अब भजनलाल सरकार ने उसके खिलाफ अभियोजन की मंजूरी दे दी। मंत्री के प्रभाव के चलते एसीबी ने भी छोड़ दिया था डॉ. अनिल को
मुख्यमंत्री ने
भरतपुर के चर्चित रिश्वत कांड के आरोपी डॉ. अनिल गुप्ता के मामले में भी अभियोजन की मंजूरी दी है। एसीबी ने भरतपुर के आरबीएम अस्पताल के डाॅ. अनिल गुप्ता को दो हजार रुपए की रिश्वत लेते 8 अगस्त 2021 को गिरफ्तार किया था। एसीबी ने एक तत्कालीन मंत्री की नजदीकी के चलते डॉ. अनिल को अपने स्तर पर ही जमानत भी दे दी थी, जिसको लेकर एसीबी पर कई तरह के आरोप लगे थे। हालांकि बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। डॉ. अनिल के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी 29 सितम्बर 2021 से लम्बित थी। डॉ. अनिल वर्ष 2014 में भी रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किए गए थे
अनुदान राशि जारी करने के बदले लिए थे 25 हजार रुपए
अभियोजन मंजूरी का तीसरा मामला कृषि अधिकारी पर्वत दान चारण का है।
उदयपुर में तैनात पर्वत दान को एसीबी ने 8 जून 2023 को पच्चीस हजार रुपए की रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया। उसके साथ उप निदेशक उद्यान लक्क्ष्मी कुंवर राठौड़ भी गिरफ्तार की गई थी। पर्वतदान के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी अक्टूबर 2023 से लम्बित थी।