डीसीपी (पूर्व) तेजस्विनी गौतम ने बताया कि बुधवार को नूर नगर लूनियावास से शाहिद के बेटे अल्फेज (5) के लापता होने की सूचना मिली थी। सभी जगह तलाशने के बाद गुरुवार को परिजनों के साथ पुलिस अल्फेज की तलाश कर ही रही थी तभी उसके भाई कैफ की नजर 200 मीटर दूर खड़ी गाड़ी में पड़ी। उसने पास जाकर देखा तो उसके अंदर पीली शर्ट देखते ही वह चिल्लाने लगा कि इसमें मेरा भाई अल्फेज है। पुलिस ने आस-पास जानकारी जुटाई तो गाड़ी मोहम्मद तोसिफ की निकली। पुलिस ने लॉक खुलवाकर शव को बाहर निकालकर जेएनयू अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया। पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया।
मजदूरी करके बच्चों का पाल रही है मां
अल्फेज का पिता शाहिद मूलतः फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। पांच साल पहले वह पत्नी रेशमा को छोड़कर यूपी चला गया, उसके बाद वापस नहीं लौटा। रेशमा मजूदरी करके पूरे परिवार का भरण पोषण कर रही थी। अल्फेज के जाने के बाद बेटा कैफ, और बेटी रोशनी है। आस-पास के लोगों का कहना था कि रेशमा मजूदरी करके बच्चों को पढ़ा भी रही थी। कैफ छठी कक्षा में पढ़ता है, जबकि रोशनी आठवीं कक्षा में पढ़ती है।