पार्टी नेताओं का मानना है कि अगर लोकसभा चुनाव से पहले जातिगत समीकरणों के आधार पर कुछ राजनीतिक नियुक्ति दी जाती है तो पार्टी को इससे फायदा होगा। राजनीतिक नियुक्ति पाने वाला व्यक्ति पूर मन के साथ चुनाव प्रचार में जुटेगा। हालांकि कुछ नेताओं इस पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि ये नियुक्तियां चुनाव बाद होनी चाहिए, ताकि जिसे पद नहीं मिले, वो विरोध नहीं करे।
इन राजनीतिक नियुक्तियों की हमेशा रहती है होड
बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति, राजस्थान सूचना आयोग, खादी ग्रामोद्योग, हाउसिंग बोर्ड, महिला आयोग, किसान आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, गोसेवा आयोग, माटी कला बोर्ड, राजस्थान क्रीडा परिषद, वक्फ बोर्ड, अल्पसंख्यक आयोग सहित कई बोर्ड व आयोग हैं, जिनमें नियुक्ति को लेकर कार्यकर्ताओं में होड़ रहती है।
पूर्ववर्ती सरकार ने बनाए कई नए बोर्ड
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने कई नए बोर्ड बनाए। चुनाव से ठीक पहले गहलोत सरकार ने कई नए बोर्ड गठित किए। इनमें राजस्थान राज्य राजा बली कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य वाल्मीकि कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य मेघवाल कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य पुजारी कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य केवट कल्याण (मां पूरी बाई कीर) बोर्ड, राजस्थान राज्य जाटव कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य धाणका कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य चित्रगुप्त कायस्थ कल्याण बोर्ड शामिल हैं।