पार्टी कर रही है फोकस
इस वोटबैंक को अपनी ओर लेने के लिए पार्टी एससी—एसटी बाहुल्य वाली सीटों पर फोकस कर रही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा खुद सवाई माधोपुर और भरतपुर में दो दिन तक एससी-एसटी सम्मेलन के जरिये जीत का मंत्र दे चुके हैं। भरतपुर संभाग के जिलों के अनुसूचित जनजाति से संबंधित प्रबुद्धजनों के साथ बैठक कर चुके हैं।
52 हजार बूथ पर उतारी टीम
भाजपा ने 200 विधानसभा सीटों पर 52 हजार बूथों पर अपनी टीम उतार दी है। इनमे से विशेषकर कमजोर सीटों वाले बूथ के साथ करीब 20 हजार उन बूथों को चिन्हित किया है जो एससी-एसटी बाहुल्य वाली हैं। हाल ही में अंबेडकर जयंती से बुद्ध पूर्णिमा तक सेवा पखवाड़ा शुरू किया गया था। पार्टी की निर्देशानुसार एससी मोर्चा SC बाहुल्य क्षेत्रों में बूथ लेवल पर पार्टी के प्रचार प्रसार का काम अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए कर रहा है।
ये है सीटों का गणित
राजस्थान में 13 फीसदी एसटी और 17 फीसदी एससी का वोट बैंक है। रिजर्व सीटों की बात की जाए तो एसटी की 25 और एससी की 34 सीटें है। मगर दोनों ही पार्टियां सामान्य सीटों पर इन वर्गों के लोगों को टिकट देती आई है। मौजूदा विधानसभा में एसटी के पास 32 और एसटी के 35 विधायक हैं। यह का वोट बैंक मूल रूप से कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है। यही वजह है कि बीजेपी इस बार कांग्रेस की इस वोट बैंक पर सेंधमारी करना चाह रही है।