Rajasthan Politics : राजस्थान में तीन माह बाद चुनाव है। प्रदेश में अब तक भाजपा ने किसी को भी चुनावी चेहरा घोषित नहीं किया है और न किसी को चेहरा बनाने का संकेत दिया है। लेकिन, भाजपा नई रणनीति के तहत केंद्रीय विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का कद लगातार बढ़ाकर दलित वर्ग में एक संदेश देने की कोशिश कर रही है। भाजपा राजस्थान में दलित नेता का कद बढ़ाकर विधानसभा चुनावों में तो 2013 में एससी-एसटी सीटों के परिणाम को दोहराना चाहती है। साथ ही लोकसभा चुनावों में भी दलित वोटों का अपनी तरफ झुकाव चाहती है। भाजपा कुछ समय से दलित वर्ग में अपनी पैठ बढ़ाना चाहती है। भाजपा की रणनीति है कि आने वाले विधान सभा चुनाव के बाद प्रदेश में उसकी सरकार बनती है तो केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को प्रदेश की सरकार में बड़ी जिम्मेदारी भी दी जा सकती है।
अर्जुन के बढ़ते कद से अन्य दलित नेताओं में बैचेनीपार्टी ने अर्जुन राम मेघवाल को पहले तो केंद्र में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी। इसके बाद हाल ही में उन्हें पार्टी की घोषणा पत्र समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। अर्जुन राम मेघवाल कोर कमेटी के सदस्य भी हैं। ज्वॉइनिंग कमेटी का मामला हो या फिर अन्य कोई भी महत्वपूर्ण चर्चा, हर मामले में मेघवाल को महत्व दिया जा रहा है। यही महत्व पार्टी के दलित नेताओं और पार्टी के प्रमुख नेताओं में बैचेनी पैदा कर रहा है।
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BJP Parivahan Yatra : भाजपा परिवर्तन यात्रा की डेट पक्की, पहली 2 सितंबर को त्रिनेत्र गणेश मंदिर में होगी शुरू, जानें बाकी 3 की डेट2013 चुनावों में भाजपा ने जीती थी 59 में से 50 सीटेंराजस्थान में भाजपा ने 2013 में हुए विधानसभा चुनावों में 163 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इन सीटों में से 59 विस सीटें SC/ST के लिए आरक्षित हैं। इन 59 सीटों में से 50 सीटें भाजपा ने जीती थी। भाजपा को SC की 34 सीटों में से 32 और ST की 25 सीटों में से 18 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा यह परिणाम दोहराने में नाकामयाब रही थी।
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