भाजपा 19 से 22 सीटों पर अपनी स्थिति मजबूत मान रही है। वहीं, कांग्रेस 7 से 8 सीटों पर बेहतर प्रदर्शन रहने की उम्मीद जता रही है। इनमें दो सीट नागौर व सीकर कांग्रेस गठबंधन की भी शामिल हैं। हालांकि दोनों ही पार्टियां कितनी सीटों पर परचम लहरा पाएंगी, ये तो 4 जून को मतगणना के दिन ही पता चल पाएगा।
भाजपा : सभी सीटों पर टूट सकता हैट्रिक का क्रम
सभी सीटों का चुनाव खत्म होने के बाद प्रदेश भाजपा के बड़े नेता चुनाव परिणाम को लेकर मंथन में लगे हैं। परिणाम के आकलन को लेकर उम्मीदवारों से बूथवार जानकारी जुटाई जा रही है। जहां कम मतदान हुआ, वहां किस के पक्ष में माहौल रहा, इसको लेकर भी फीडबैक लिया जा रहा है। चुनाव परिणाम क्या रह सकता है, इसके लिए गत तीन लोकसभा चुनावों को लेकर नेता मतदान प्रतिशत का मिलान कर रहे हैं। भाजपा प्रदेश में दो बार की तरह सभी 25 सीटों पर तो नहीं, लेकिन 20 से 22 सीटों पर स्थिति अच्छी मानकर चल रही है। पार्टी के कुछ नेता बाड़मेर और झुंझुनूं लोकसभा सीट पर पार्टी का माहौल कुछ कम होने का आकलन कर रहे हैं। इसके अलावा दौसा, चूरू, सीकर, भरतपुर, टोंक-सवाईमाधोपुर, नागौर में पार्टी टक्कर तो मान कर चल रही है, लेकिन नेताओं का दावा है कि एक-दो सीटों को छोड़ पार्टी अन्य सीटें जीत जाएगी।
कांग्रेस : हार का सिलसिला तोड़ने को लेकर आशान्वित
प्रदेश की सभी सीटों पर मतदान संपन्न होने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेता परिणाम को लेकर समीकरण लगाने में जुटे रहे। कांग्रेस वॉररूम में गत लोकसभा चुनावों में विधानसभावार मतदान की स्थिति को लेकर भी आकलन किया गया। इसके अलावा लोकसभा क्षेत्रों से डेटा जुटाने के साथ बूथवार फीडबैक लिया गया। कांग्रेस दावा कर रही है कि इस चुनाव में पार्टी दो बार के चुनाव की हार के बाद खाता ही नहीं खोलेगी। आठ लोकसभा सीटों पर स्थिति काफी मजबूत होने का दावा कर रही है। इससे कांग्रेस खेमे में नेताओं के चेहरे पर चमक दिख रही है। पार्टी सूत्रों का दावा कि चूरू, झुंझुनूं, सीकर, भरतपुर, दौसा, बाड़मेर, कोटा और टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सीट पर पार्टी व गठबंधन के नेताओं की स्थिति मजबूत है। कांग्रेस ने सीकर में माकपा और नागौर में आरएलपी से गठबंधन कर चुनाव लड़ा है। सीकर में माकपा उम्मीदवार तो नागौर में आरएलपी उम्मीदवार मैदान में हैं।