हालांकि भाजपा के मुकाबले समान विचारधारा वाले दलों से कांग्रेस को ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जयपुर जिले की 19 सीटों में से कई सीटों पर बसपा, रालोपा, आज समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी और एआइएमआइएम ने अपने प्रत्याशी उतारे थे।
सूत्रों की माने तो इन चुनावों में क्षेत्रीय दलों की नजर भी कांग्रेस के ही परंपरागत वोट बैंक माने जाने जाने वाले वोटर्स पर रही है। माना जा रहा है इन दलों ने कुछ हद कांग्रेस के वोटबैंक में सेंधमारी भी की है। ऐसे में इन दलों से कांग्रेस को कितना नुकसान होगा और भाजपा को कितना फायदा होगा यह तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चल सकेगा।
बसपा ने भी कई सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। एससी और एसटी मतदाताओं में बसपा का खासा प्रभाव माना जाता है। ऐसे में बसपा ने कांग्रेस के लिए चुनौती पेश की थी।
इन सीटों पर क्षेत्रीय दलों ने बनाया था त्रिकोणीय मुकाबला
वहीं जिन सीटों पर क्षेत्रीय दलों ने त्रिकोणीय मुकाबला बनाया है उनमें विराटनगर और चौमूं है।विराटनगर में आज समाज पार्टी के उम्मीदवार और पूर्व विधायक रामचंद्र सराधना ने मुकाबले को त्रिकोणीय बनाया हुआ है तो वहीं चौमूं में रालोपा उम्मीदवार छुट्टन लाल यादव कड़े मुकाबले में बताए जाते हैं।
मुस्लिम बहुत सीटों पर सेंधमारी का डर
इधर हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम ने परकोटे की मुस्लिम बहुल सीटें किशनपोल, आदर्श नगर और हवामहल में अपने प्रत्याशी उतारे थे।
ओवैसी ने यहां जमकर प्रचार भी किया था उनकी सभा में भीड़ भी खूब उमड़ी थी, जिससे कहीं न कही कांग्रेस की चिंता बढ़ी हुई थी। एआइएमआइएम के चुनाव मैदान में होने से फायदा सीधे तौर पर भाजपा को मिलने की बात कही जा रही है।
आप प्रत्याशियों के हटने से राहत
हवामहल और आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र में मतदान से कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों के कांग्रेस के पक्ष में चुनाव मैदान से हटने से कांग्रेस को थोड़ी राहत मिली थी। हालांकि विद्याधर नगर, बगरू, किशनपोल सहित कई सीटों पर आप के प्रत्याशी चुनाव मैदान में डटे हुए थे।