बढ़ती लागत बनी मुश्किल
पांच साल पहले पाइपलाइन बिछाने की अनुमानित लागत 1150 करोड़ रुपए थी, जो अब बढ़कर 2 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। प्रोजेक्ट में देरी के कारण संभावित लागत बढ़ रही है, जिससे पानी की बढ़ती मांग के मद्देनजर इंजीनियरों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
पानी की बढ़ती मांग और दबाव
आने वाले समय में जयपुर के पृथ्वीराज नगर फेज-2, जगतपुरा फेज-2 और खो नागोरियान फेज-2 परियोजनाओं में पानी की सप्लाई शुरू की जाएगी। शहर में पानी की मांग भी दिनोंदिन बढ़ रही है। मौजूदा 2300 एमएम पाइपलाइन पर बढ़ते दबाव को देखते हुए इंजीनियर नई पाइपलाइन के लिए फंड की व्यवस्था जल्द से जल्द करना चाहते हैं।
पंपिंग से दबाव में राहत
फिलहाल, रेनवाल और बालावाला पर पानी की दो बार पंपिंग कर मौजूदा पाइपलाइन का प्रेशर कम किया जा रहा है। इससे लीकेज की आशंका को टाला जा रहा है, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है। जानकारी के अनुसार, मौजूदा पाइपलाइन में 37 लीकेज चिन्हित किए गए थे, जिन्हें जैकेटिंग तकनीक से ठीक किया गया है। इंजीनियरों का दावा है कि यह लाइन दो साल तक सुरक्षित रहेगी, लेकिन लीकेज की आशंका को पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता।
हम फंड की व्यवस्था में जुटे
बीसलपुर से जयपुर तक नई पाइपलाइन बिछाने के लिए हम फंड की व्यवस्था में जुटे हैं। फंडिंग एजेंसी की बांध में पानी आरक्षण को लेकर लगाई शर्त को भी पूरा कर दिया है और प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। समय के साथ लाइन बिछाने की संभावित लागत भी बढ़ रही है। – शुभांशु दीक्षित, अतिरिक्त मुय अभियंता, जयपुर