बायोमैट्रिक हाजिरी भी कारगर नहीं…अंगूठा लगाकर गायब हो जाते हैं कर्मचारी
अपैक्स बैंक व सभी जिलों के केन्द्रीय सहकारी बैंकों का मामला
बायोमैट्रिक हाजिरी भी कारगर नहीं…अंगूठा लगाकर गायब हो जाते हैं कर्मचारी
जयपुर. भाजपा सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मुख्य सचिव सुधांश पंत के निरीक्षण से सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी समय पर पहुंच रहे हैं। हालांकि सहकारी बैंकों में स्थित उलट है।
सहकारी क्षेत्र की शीर्ष संस्था अपैक्स बैंक व सभी जिलों के केन्द्रीय सहकारी बैंकों में कुछ कर्मचारी प्रशासन के तमाम प्रयास के बाद भी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे। पहले बायोमैट्रिक हाजिरी और फिर हर सप्ताह के काम की रिपोर्ट लेने की व्यवस्था के बाद भी कुछ कर्मचारी अपनी सीट पर नियमित रूप से नहीं बैठ रहे। अब ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ बैंक प्रशासन ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति जैसे कदम उठाने का निर्णय लिया है। दरअसल, सहकारी बैंकों में 21 सितम्बर, 2022 से बायोमैट्रिक हाजिरी शुरू की थी। इसके बाद नई स्थिति सामने आई। कर्मचारी सुबह बायोमैट्रिक हाजिरी कर चले जाते और शाम को आकर हाजिरी कर देते। प्रबंधक स्तर के एक अधिकारी ने तो पांच साल से कोई काम ही नहीं किया।
आदेश के बाद भी नहीं बदली कार्यशैली
ऐसे कर्मचारियों पर नकेल कसने के लिए 15 फरवरी को अपेक्स बैंक के महाप्रबंधक (आयोजना एवं विकास) की ओर से एक आदेश निकाला गया, जिसमें कहा कि कर्मचारी बिना अनुमति कार्यालय से बाहर नहीं जाएंगे। इसके साथ प्रत्येक शुक्रवार को कर्मचारी सप्ताह भर में किए कार्य की जानकारी देने के साथ ही आने वाले सप्ताह की प्लाङ्क्षनग भी बताएंगे। हालांकि इसके बाद भी कुछ कर्मचारियों की कार्यशैली में बदलाव नहीं देखा गया।
कार्रवाई के लिए सरकार से लेंगे इजाजत
काम के प्रति लापरवाह कर्मचारियों की चिह्नित किया जाएगा। जिन कर्मचारियों की उम्र 45 वर्ष हो गई है तथा उनकी नौकरी 20 वर्ष की हो चुकी है, उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। इसके लिए विभाग से मंजूरी के बाद तीन सदस्यों की कमेटी गठित की गई है। कमेटी जिन कर्मचारियों के नाम देगी, उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार से इजाजत ली जाएगी।
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