अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जनहित की सभी बड़ी योजनाओं को जारी रखते हुए आयुष्मान बीमा का कवरेज भी 25 लाख रुपए तक बढ़ाने का ऐलान किया है। लेकिन इसके बावजूद सरकार को निजी अस्पतालों से सकारात्मक वार्ता कर मरीजों के लिए योजनाओं का लाभ जारी रखवाने के लिए भी कदम उठाने होंगे। तभी इनका लाभ मरीजों को सुचारू रूप से मिल पाएगा।
ये बड़ी बाधाएं – चिरंजीवी के तहत करीब 1700 बीमारियों की पैकेज दरों से बड़े निजी अस्पताल खुश नहीं
– निजी अस्पतालों का तर्क : इन दरों पर गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध करवाना संभव नहीं
– एक ही दरें लगातार रहने से इलाज की आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल संभव नहीं
निजी अस्पतालों के आरोप सरकारी अस्पताल जितना भुगतान बीमा कंपनी से ले रहे, उतना ही निजी अस्पतालों को दिया जा रहा, यह निजी क्षेत्र का शोषण
सरकार ने जनता को गुमराह करते हुए जनता से ही पैसा लेकर सरकारी अस्पतालों की मेडिकल रीलिफ सोसायटियों (आरएमआरएस) का खजाना भरने का रास्ता खोला, जिसे नि:शुल्क इलाज की तरह प्रचारित किया गया
पैकेज दरें तर्कसंगत नहीं : पांच सितारा सुविधा और गली के छोटे निजी अस्पतालों के लिए भी एक ही तरह की इलाज पैकेज दरें