पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार को एक्स पर लिखा कि दौसा में एक खुले बोरवेल गिरने से मासूम
आर्यन की मृत्यु बेहद दुखद है। तमाम चुनौतियों के बावजूद जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन एवं नागरिक सुरक्षा की टीम ने अच्छा कार्य किया। खुले बोरवेल में बच्चों के गिरने की घटनाएं लगातार होती रहती हैं। राज्य सरकार द्वारा कई बार इन्हें बन्द करने के आदेश जारी किए जाते रहे हैं। इसके बावजूद गांवों में खुले बोरवेल सामान्य तौर पर मिल जाते हैं।
उन्होंने आगे लिखा कि खुले बोरवेल से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सरकार एवं जनता मिलकर अभियान चलाएं। क्योंकि दूर-दराज के इलाकों में ऐसे बोरवेल की जानकारी प्रशासन को बिना जनसहयोग के नहीं चल सकती है। इसके लिए सरकार जिलेवार अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करे और सर्वे करवाकर खुले बोरवेल बंद करवाने का अभियान चलाएं, ताकि भविष्य में ऐसी जनहानि ना हो।
बोरवेल में गिरने से हुई थी आर्यन की मौत
बता दें कि पापड़दा थाना क्षेत्र के कालीखाड़ गांव की दांगडा ढाणी में बोरवेल में गिरने से पांच साल के आर्यन की मौत हो गई। 56 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बुधवार देर रात करीब पौने बारह बजे आर्यन को बाहर निकाला गया था। रेस्क्यू स्थल से तुरंत बच्चे को एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम युक्त एंबुलेंस से दौसा जिला चिकित्सालय ले जाया गया था। जहां ईसीजी सहित अन्य जांच के बाद चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। गुरुवार सुबह पोस्टर्माटम के बाद शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया था। आर्यन का पैतृक गांव में गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया था। आर्यन की मौत से हर कोई दुखी था।