इसके साथ ही कर्मचारियों को पदोन्नति में भी 2 साल की छूट दी है। पहले कर्मचारियों को सेलेक्शन ग्रेड में डाल दिया गया था लेकिन उसके बाद फिर से पदोन्नति 2 साल की छूट दी गई है। अब 3 साल के बाद ही कर्मचारी को पदोन्नति मिल सकेगी। पहले यह 5 साल हुआ करती थी।
इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संविदा कर्मियों को भी अनुभव के आधार पर नियमित करने की घोषणा की है तो वहीं ठेका प्रथा को खत्म कर दिया है। लंबे समय से कर्मचारी संगठन अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से वार्ता कर रहे थे और अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में कर्मचारियों को राहत प्रदान की है
कर्मचारियों को पहले दे चुके हैं ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ
वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इससे पहले ही राजस्थान के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ दे चुके हैं। लंबे समय से कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग कर रहे थे। ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने वाला राजस्थान पहला राज्य है, इसके बाद कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में भी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की गई है तो वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज बजट पेश करते हुए केंद्र सरकार से भी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग की है। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है।
कर्मचारी संगठनों के साथ की थी बजट पूर्व संवाद बैठक
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्मचारी संगठनों के साथ बजट पूर्व संवाद बैठकें की थी और उनके सुझाव लिए थे जिस पर कर्मचारियों ने अपने सुझाव बजट को लेकर दिए थे। मुख्यमंत्री की ओर से कर्मचारी संगठनों को आश्वासन भी दिया था कि बजट में कर्मचारियों को राहत दी जाएगी।
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