भरतपुर/जयपुर। कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी खींचतान ( Congress V/s BJP ) का हाल ये है कि तीन दिन बाद भी उत्तरप्रदेश की भाजपा सरकार ( UP Government ) ने कांग्रेस की ओर से भेजी गई निजी बसों ( Congress Private Buses ) को लेने से इनकार कर ( Refuse to Enter in UP ) दिया। ( Jaipur News ) इसको लेकर करीब 12 घंटे तक विवाद की स्थिति बनी रही। कभी बसों को लखनऊ भेजने तो कभी कागजी दस्तावेज पूरे होने पर ही प्रवेश देने की बात कही, हालांकि शाम तक विवाद सुलझ नहीं सका।
-पहले मांगी बसों की सूची जानकारी के अनुसार प्रियंका गांधी की मांग मानने के बाद यूपी सरकार ने उनसे बसों की सूची भेजने को कहा था। इसके बाद प्रियंका गांधी के सचिव और यूपी गृह मंत्रालय के बीच लेटर वार हो गया। सोमवार को प्रियंका गांधी की मांग पर यूपी सरकार की ओर से उनसे बसों और ड्राइवरों की लिस्ट मांगी गई। वह सूची भी भेज दी गई।
-आठ घंटे तक मंत्री करते रहे यूपी प्रशासन से बात मंगलवार दोपहर यूपी सरकार ने आरोप लगाया कि बसों के नंबर की जो सूची भेजी गई, उनमें बाइक व ऑटो के नंबर हैं। सुबह करीब 10 बजे चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, अलवर के कांग्रेस नेता जुबेर खान, राज्यमंत्री भजनलाल जाटव निजी बसों को लेकर ऊंचानंगला स्थित बॉर्डर पहुंचे, जहां मथुरा व आगरा के जिला कलेक्टर से बात की तो उन्होंने सरकार से ऐसी कोई स्वीकृति मिलने से इनकार कर दिया। करीब आठ घंटे तक खुद मंत्रियों की ओर से यूपी प्रशासन से बात की जाती रही, लेकिन बसों को प्रवेश नहीं दिया गया।
-शाम को नारे…धरना शाम करीब छह बजे विरोध बढऩे लगा तो यूपी व राजस्थान के कांग्रेस नेता एकत्रित हो गए। कांग्रेसियों ने यूपी बॉर्डर पर ही भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए धरना शुरू कर दिया। इससे पहले ऊंचा नगला स्थित एक स्कूल में अधिकारियों के साथ बैठक भी हुई।
-यूपी प्रदेशाध्यक्ष को लिया हिरासत में इस बीच कांग्रेस ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि आगरा यूपी बार्डर पर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को पुलिस ने बलपूर्वक हिरासत में ले लिया है। योगी सरकार मानवता को शर्मसार करने वाली राजनीति कर रही है। कांग्रेस ने कहा कि प्रियंका ने योगी को पत्र लिखकर 1000 बसों को चलाने की अनुमति शनिवार को मांगी थी, लेकिन मजदूर और गरीब विरोधी योगी सरकार की मंशा नहीं है कि गरीब प्रवासी मजदूर भाई-बहन अपने घर वापस लौटें।
प्रियंका के निजी सचिव व यूपी कांग्रेस प्रमुख पर केस प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह और यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय कुमार लल्लू के खिलाफ लखनऊ स्थित हजरतगंज थाने में केस दर्ज कर लिया गया है।
केंद्र ठोस नीति बनाने में नाकाम : पायलट उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की बॉर्डर पर कांग्रेस की ओर से भेजी गई सैकड़ों बसों तथा हजारों की संख्या में खड़े प्रवासी श्रमिकों को प्रवेश की अनुमति नहीं देकर यूपी सरकार नकारात्मक राजनीति का परिचय दे रही है। प्रवासी श्रमिकों को अपने घरों पर पहुंचने से वंचित किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रवासी श्रमिकों को अपने राज्यों में पहुंचाने तथा उनको राहत देने के लिए केंद्र सरकार कोई ठोस नीति बनाने में नाकाम रही है।
प्रवासी सड़कों पर केंद्र सरकार सोई : खाचरियावास परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि प्रवासी मजदूर सड़कों पर नंगा और भूखा चल रहा है। एक्सीडेंट में मर रहा है और केंद्र सरकार सोई हुई हैं। केंद्र सरकार कहती है राज्यों का मामला हैं केंद्र को कुछ नहीं करना है। यूपी, बिहार और मप्र की सरकार मजदूरों को घुसने देती नहीं है। प्रियंका गांधी जब कहती है सैंकड़ों बसें लेकर कार्यकर्ता बॉर्डर पहुंचते हैं, लेकिन यूपी सरकार परमिशन नहीं देती है। केंद्र सरकार के थोड़ी बहुत शर्म बची है तो माफी मांगकर मजदूरों की स्थिति सही करनी चाहिए।-प्रतापसिंह खाचरियावास, परिवहन मंत्री
-कांग्रेस करती है ओछी राजनीति : पूनियां
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि कांग्रेस राजनीति करती है और ओछी राजनीति करती है यह पता था, लेकिन इतनी ओछी राजनीति करेगी, यह पता नहीं था। सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए कोरोना को भी कांग्रेस ने राजनीतिक हथियार बना लिया, प्रियंका गांधी की बसें भेजने की मुहिम लगभग ऐसी ही लगी है। राजस्थान में हजारों लाखों प्रवासी पैदल चल दिए। मगर प्रियंका ने यहां की सरकार को कोई आदेश—निर्देश नहीं दिए।
-धरने पर बैठने का कर रहे ढोंग : आहूजा भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को भेजने के नाम पर कांग्रेस झूंठ बोल रही है। कांग्रेस ने पहले एक हजार बसों को भेजने की बात कही और अब खुद ही 500 बसों को भेजने की बात कर रहे हैं। जबकि यूपी बॉर्डर पर टूटी फूटी केवल 223 बसें हैं। जुबेर खां ने कभी कभी कोई आंदोलन नहीं किया, वे प्रियंका गांधी के कहने पर यूपी बॉर्डर पर धरना देने का ढोंगे कर रहे हैं। कांग्रेस ने बसों के बजाय ऑटोरिक्शा, स्कूटर के नंबर दिए हैं।