राजस्थान के लोगों की हो गई बल्ले-बल्ले, 9 लाख से ज्यादा घरों को मिलेगी 300 यूनिट बिजली फ्री
इस तरह आशंका…
-पेयजल परियोजनाओं को कार्पोरेशन के अधीन करने की कवायद सरकार ने एक महीने पहले ही शुरू कर दी थी। हाल ही पानी चोरी व दुरुपयोग रोकने, अवैध जल कनेक्शन काटने को लेकर जो आदेश जारी किए गए, वे राजस्थान वाटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉर्पोरेशन एक्ट के अनुसार ही किए।राजस्थान की जनता को लगा बड़ा झटका! अब घर से कचरा उठाने का इतना पैसा वसूलेगा निगम
यह भी बनेगी स्थिति!
-पेयजल सेवाओं के कई मामलों में उपभोक्ताओं पर 5 गुना तक जुर्माने की मार होगी।-कार्पोरेशन की वित्तीय हालत खराब हुई तो कार्मिकों को वेतन के लिए तरसना होगा।
तब लिया था आदेश वापस
तत्कालीन सरकार ने 11 अप्रेल, 2018 को प्रदेश में पेयजल दर (rajasthan increase water prices) में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी का आदेश जारी किया था। विरोध के बाद आदेश वापस लेना पड़ा।तो जेजेएम के कर्ज को चुकाएंगे उपभोक्ता
सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत 50 हजार करोड़ रुपए की पेयजल परियोजनाएं (Rajasthan water projects) स्वीकृत की हैं। इन परियोजनाओं के लिए अलग-अलग बैंकों से कार्पोरेशन के माध्यम से कर्ज लेने की योजना है। कार्पोरेशन जलदाय विभाग की संपत्तियों के आधार पर कर्ज लेगा। पहले ही जल जीवन मिशन के लिए 8 हजार 600 करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा चुका है।विभाग और विभाग की सेवाओं का निजीकरण किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है। सरकार बजट सत्र में ही घोषणा को वापस ले।- कुलदीप यादव, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान वाटर वर्क्स तकनीकी कर्मचारी संघ, राजस्थान