पुजारी सुनील लाटा ने बताया कि शाम छह बजे से ठाकुरजी के माता लक्ष्मी के साथ फेरे संपन्न होंगे। अंत में भजन संध्या होगी। समाजसेवी मुरलीधर शर्मा ने बताया कि 157 साल से परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है। सभी तैयारियां भक्तों की ओर से की जाती है।
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कल भरेगा मेला
अगले दिन बुधवार को रथयात्रा सिंघी सागर बगीची से रवाना होकर मालपुरा गेट के अंदर पहुंचेगी, जहां विवाह महोत्सव के उपलक्ष में गुदरी मेला आयोजित होगा। संत-महंत आरती करेंगे। इसके बाद रथयात्रा रवाना होगी।
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यहां भी होगा विवाह
इधर, गोपाल जी रास्ता स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में लक्ष्मी जगन्नाथ का विवाह वैदिक प्रक्रिया से संपन्न होगा।