सभी तय कर लें कि विधायकों के सवालों के जवाब विधानसभा में तय समय पर पहुंचे। अब तक हुए दो सत्रों के बचे हुए प्रश्नों के जवाब 20 जनवरी तक हर हाल में देने के लिए कहा। आदेश नहीं मानने वाले विभाग प्रमुखों को विधानसभा में फिर तलब किया जाएगा।
विधानसभा में आयोजित बैठक में देवनानी ने कहा कि विधानसभा में 200 विधायक बैठते हैं। ब्यूरोक्रेसी उनको महत्व न दे, यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देवनानी ने ऊर्जा, स्वास्थ्य, स्वायत्त शासन, खेल एवं युवा मामले, ऊर्जा, शिक्षा, राजस्व, गृह विभागों के एसीएस, प्रमुख सचिव और सचिवों से सवाल किए और खिंचाई भी की। देवनानी ने कहा कि आठ विभाग हैं, जिनमें सबसे ज्यादा सवालों के जवाब लंबित हैं।
कुछ अधिकारियों ने सवाल का जवाब दो-तीन विभागों से संबंधित होने की वजह को देरी का कारण बताया, इस पर देवनानी ने कहा कि यह पहले से क्यों नहीं बताया जाता। इसका समाधान करें। बैठक में यह बात क्यों उठ रही हैं।
इनकी लगी क्लास
मुख्य सचिव सुधांश पंत, अभय कुमार, अखिल अरोड़ा, अपर्णा अरोड़ा, कुलदीप रांका, आनन्द कुमार, प्रवीण गुप्ता, वैभव गालरिया, टी रविकांत, गायत्री राठौड़, बृजेन्द्र जैन, सुबीर कुमार, अजिताभ शर्मा, राजेश यादव, दिनेश कुमार, भवानी सिंह देथा, अश्विनी भगत, मंजू राजपाल, जोगाराम, महेन्द्र सोनी, अबरीश कुमार, अर्चना सिंह, पूनम, नीरज के पवन, आरूषि मलिक, शुचि त्यागी, के के पाठक, उर्मिला राजोरिया, समित शर्मा, रवि जैन, भानू प्रकाश एटूरू, कृष्ण कुणाल, पी रमेश, राजन विशाल, अनुपमा जोरवाल, सुनील शर्मा। सीएस जिम्मेदार, बार-बार पत्र क्यों लिखने पड़ रहे
अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि मुख्य सचिव विधानसभा के प्रति जिम्मेदार है। ऐसे में यदि बार-बार विधानसभा की ओर से मुख्य सचिव को पत्र लिखना पड़े, यह कितना उचित है? इस पर मुख्य सचिव सुधांश पंत को आश्वासन देना पड़ा कि सभी प्रश्नों के जवाब समय पर दिलाए जाएंगे। पहले के मुकाबले व्यवस्था में सुधार भी हुआ है।
प्रश्नकाल में पूरे समय मौजूद रहें अधिकारी
देवनानी ने सीएस सुधांश पंत और आईएएस अधिकारियों से कहा कि सदन चलने के दौरान जिस विभाग का प्रश्न पूरा हो जाता है, आईएएस अधिकारी इसके बाद बीच में ही उठकर चले जाते हैं। प्रश्नकाल चलता रहता है। आगे से ऐसा ना हो। प्रश्नकाल के दौरान कोई भी अधिकारी उठ कर बाहर नहीं जाए। उन्होंने शून्यकाल के दौरान भी वरिष्ठ अधिकारियों को अधिकारी दीर्घा में मौजूद रहने के लिए कहा।