अनुसंधान अधिकारी ने बताया कि परिवादी द्वारा उपलब्ध वॉयस रिकॉर्डिंग कांट छांट कर तो नहीं बनाई गई है। या फिर रिकॉर्डिंग की गई है। उपलब्ध वॉयस रिकॉर्डिंग ओरिजनल है या नहीं। हालांकि परिवादी द्वारा उपलब्ध वॉयस में दिव्या मित्तल की आवाज है, इसकी पुष्टि मित्तल के वॉयस सेम्पल देने के बाद ही होगी।
एसीबी ने कहा कि परिवादी द्वारा उपलब्ध वॉयस रिकॉर्डिंग की जांच रिपोर्ट एफएसएल से नहीं मिली है। एसीबी में एक पक्षीय रिपोर्ट डाक के जरिए भेजने के साथ उसे अपने स्तर पर ही लीक कर दी। एक अखबार ने गलत तथ्यों के साथ रिपोर्ट को प्रकाशित भी कर दिया।
एसीबी के कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद भी दिव्या मित्तल ने अपनी आवाज के नमूने नहीं दिए तो एफएसएल ने कैसे मिलान कर लिया यह तो वही बताएगी। अभी एफएसएल से रिपोर्ट नहीं मिली है। एफएसएल ने रिपोर्ट भेजी है तो हमे मिल जाएगी। परिवादी द्वारा दिए गए वॉयस रिकॉर्डिंग के सेम्पल जरूर एफएसएल को भेजे थे।