‘यह देश का दुर्भाग्य’- गहलोत
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ‘यह देश का दुर्भाग्य है कि ऐसे शब्दों से काम लिया जा रहा है। आजादी के बाद आज तक मैंने नहीं देखा कि किसी नेता ने इस तरह का बयान दिया हो। ‘बटेंगे तो कटेंगे’ इस बात का क्या मतलब है?… भाजपा समेत जो पहले जनसंघ पार्टी थी किसी और पार्टी ने भी आज तक ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया था’ उत्तर प्रदेश में ‘स्लोगन राजनीति’
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान रैली में बंटेंगे तो कटेंगे का नारा दिया था। उन्होंने कहा था कि विपक्ष चाहता है कि मुसलमान एकजुट होकर ताकतवर और हिंदू जातियों में विभाजित होकर कमजोर बने रहें। जिसके बाद से ही लगातार इस नारे के इर्द-गिर्द राजनीति हो रही है। भाजपा ने इस नारे के सहारे हरियाणा विधानसभा चुनाव में हिंदुओं को वोट बैंक में तब्दील करने की कोशिश की। यहां तक भाजपा इसमें कामयाब साबित भी हुई।
इसी तर्ज पर महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में भी भाजपा चुनाव लड़ रही है। जिस वजह से विपक्षी दल बीजेपी पर तुष्टिकरण का आरोप मढ़ रहे है। जबकि उत्तर प्रदेश में तो उपचुनाव के बीच सपा और भाजपा के बीच ‘स्लोगन राजनीति’ देखने को मिल रही है।
बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। 20 नवंबर को मतदाता अपने मत का इस्तेमाल करेंगे। इसके बाद 23 नवंबर को चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे। वहीं, उत्तरप्रदेश में भी 20 नवंबर को उपचुनाव को लेकर वोटिंग और 23 नवंबर को प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होगा।