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Coronavirus: शहर मुफ्ती की गुजारिश भरी अपील, शब-ए-बारात के मौके पर घरों में रहकर करें इबादत

इबादत की रात यानी शब-ए-बारात 9 अप्रेल ( Shab E Barat 2020 ) की रात को मनाई जाएगी, लेकिन कोरोना वायरस ( Coronavirus In Rajasthan ) के चलते इस बार मुस्लिम धर्मगुरुओं और बुद्धजीवियों ने अपील की है कि शब-ए-बारात के मौके पर कब्रिस्तान, दरगाह अथवा मजारों पर जाने की बजाय अपने घरों में ही रहकर सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए इबादत करें।

जयपुरApr 07, 2020 / 09:48 pm

abdul bari

Jaipur Shehre E Mufti Mohammad Zakir Nomani Statement On Coronavirus

जयपुर
इबादत की रात यानी शब-ए-बारात 9 अप्रेल ( Shab E Barat 2020 ) की रात को मनाई जाएगी, इसे निस्फ शाबान या मध्य शाबान भी कहा जाता है। मुस्लिम समाज का एक खास त्योहार शब-ए-बारात गुरुवार को है। इस दिन समाज के लोग रातभर कब्रिस्तानों में जाकर अपने पूर्वजों की कब्रों पर फातेहा पढ़कर उसका सबाब बख्शते हैं।
लेकिन कोरोना वायरस ( Coronavirus In Rajasthan ) के चलते इस बार मुस्लिम धर्मगुरुओं और बुद्धजीवियों ने अपील की है कि शब-ए-बारात के मौके पर कब्रिस्तान, दरगाह अथवा मजारों पर जाने की बजाय अपने घरों में ही रहकर सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए इबादत करें।
शहर मुफ्ती मोहम्मद जाकिर नोमानी ने कही ये बात…

शहर मुफ्ती मोहम्मद जाकिर नोमानी एक लिखित बयान जारी कर मुस्लिम समुदाय से दर्द भरी गुजारिश की। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया कोरोना की तबाही से दो—चार है। ऐसे में चारदीवारी क्षेत्र में कोरोना वायरस सभी के लिए खतरा बना हुआ है। जिसके चलते प्रदेश सरकार और डॉक्टर के मशवरों पर अमल करें। उन्होंने कहा कि इस बार कब्रिस्तानों में इबादत करने नहीं जाएं बल्कि घर पर ही रहकर इबादत करें और अल्लाह से अपने गुनाहों के लिए माफी मांगें, जिससे इस महामारी से बचा जा सके। साथ ही 10 अप्रेल को जुमे की नमाज के चलते मस्जिदों में ना जाएं। घरों में भी सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान रखते हुए नमाज अदा की जाए। उधर शहर चीफ काजी खालिद उस्मानी ने अपील की है कि सभी लोग अपने घर के अंदर ही रहें और खांसी आने पर रूमाल रखें। बुखार होने पर डॉक्टर से जांच कराएं। सफाई का ध्यान रखें। दिन में कई बार हाथ धोएं, नमाज घर पर ही पढ़ें और बीमारी के खात्मे के लिए दुआ करें।
लोगों से सोशल डिस्टेंस बनाए रखने की अपील

उधर, कोरोना के संक्रमण के चलते चारदीवारी के लोग भी खौफजदा है। क्योंकि रामगंज इलाके में कोरोना वायरस का खतरा दिनों—दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में मुस्लिम समाज के जागरूक लोग भी लोगों से सोशल डिस्टेंस बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। चारदीवारी क्षेत्र के जागरूक लोगोंं ने शब-ए-बारात के मौके पर लोगों से घरों से बाहर ना निकलने की अपील की है।
विधायकों ने भी की अपील

किशनपोल बाजार विधायक अमीन कागजी और आदर्श नगर विधायक रफीक खान ने भी अपील करते हुए कहा कि शब-ए-बारात पर घर से बाहर न निकलें। उन्होंने ने कहा, किसी भी तरीके से चारदीवारी की गली मोहल्लों में लोग इकट्ठे न हों। साथ ही पुलिस ने धर्म गुरुओं से भी अपील की है कि वो लोगों से लॉकडाउन का पालन करवाएं।
गुरुवार की रात होगी इबादत

शब-ए-बारात 9 अप्रेल की रात को मनाई जाएगी। यह रमजान के पवित्र महीने के शुरू होने से करीब 15 दिन पहले मनाई जाती है। इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक शाबान माह की पंद्रहवी रात को शब-ए-बारात आती है। शब-ए-बारात दो शब्दों शब और बारात से मिलकर बना है। शब का अर्थ है रात। बारात का अर्थ बरी अथवा मुक्ति। मुसलमानों के लिए यह रात इबादत के लिहाज से बहुत अहम होती है। ऐसा माना जाता है कि इस पवित्र रात में अगले साल के लिए सभी मनुष्यों की किस्मत तय की जाती है। इस दिन मुसलमान अपने घरों में तरह-तरह के पकवान बनाते हैं। इस दिन ज्यादातर घरों में हलवे से चीजें बनाई जाती हैं जिसे इबादत के बाद गरीबों में बांट दिया जाता है।

इस रात इबादत का महत्व


इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, माना जाता है कि शब-ए-बारात को अल्लाह अपने बंदों पर बेहद मेहरबान होता है और वो इस रात इबादत करने वालों को माफ कर देता है। इस दिन मुसलमान अल्लाह की इबादत करते हैं। वे दुआएं मांगते हैं और अपने गुनाहों की तौबा करते हैं। यही वजह है कि इसे मोक्ष की रात भी कहा जाता है। शब-ए-बारात को सारी रात इबादत और कुरान की तिलावत की जाती है। इस रात लोग अपने उन परिजनों के लिए भी दुआएं मांगते हैं जो दुनिया को अलविदा कह चुके है।
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